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UP Weather Update: लगातार बारिश से किसानों पर आफत, अभी ऐसा ही रहेगा मौसम, आज यहां ओलावृष्टि-वर्षा के आसार
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Tue, 21 Mar 2023 04:15 AM IST
सार
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बिना मौसम के तीसरे दिन लगातार बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। बारिश के साथ हवा चली तो खास तौर से गेहूं की फसल गिर गई। सरसों को भारी नुकसान हुआ। ओले भी गिरे। इससे प्रदेश के सभी हिस्सों में नुकसान हुआ है।
मौसम खुलने की बाट जोह रहे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। रविवार रात से ही बारिश शुरू हो गई और सोमवार को भी प्रदेश भर में जमकर पानी बरसा। कई जगह ओले भी गिरे। नतीजा यह रहा कि खूब फसलें बर्बाद हुईं। गेहूं और सरसों पर तो सबसे ज्यादा इस मौसम का प्रभाव पड़ा है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार का कहना है कि अभी मौसम ऐसा ही रहेगा। उधर, प्रदेश सरकार ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। सोमवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में 6.4 मिमी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2.3 मिमी पानी बरसा। सबसे ज्यादा 66 मिमी बारिश बहराइच में हुई।
मौसम किसानों को खूब रुला रहा है। बिना मौसम के तीसरे दिन लगातार बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। बारिश के साथ हवा चली तो खास तौर से गेहूं की फसल गिर गई। सरसों को भारी नुकसान हुआ। ओले भी गिरे। इससे प्रदेश के सभी हिस्सों में नुकसान हुआ है। मध्य उप्र में रात से ही बारिश शुरू हो गई तो पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों में दोपहर से बादल बरसना शुरू हो गए। पूर्वी उप्र में भी खूब बारिश हुई। इस बारिश से खेतों में जल भराव भी होने लगा है। जहां किसानों ने गेहूं कटाई शुरू कर दी है वहां फसल खेत में ही पड़ी रह गई और पानी भर गया। साथ ही जलभराव से लौकी, तौरी जैसी सब्जियां गलनी शुरू हो जाएंगी। आलू की खोदाई पर ब्रेक लग गया है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यह बारिश फसलों के लिए बेहद नुकसान दायक है।
नुकसान की तत्काल 18008896868 पर सूचना दें
अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने कहा है कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों में असमय वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की सूचना आ रही हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जिला स्तर पर संयुक्त सर्वे में नुकसान का आंकलन कर बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति दी जाती है। उन्होंने कहा कि नुकसान के 72 घंटे के भीतर सूचना अवश्य दें। कटाई के बाद खेत में रखी फसल के सूचना भी दी जाए। किसान टोल फ्री नंबर 18008896868 पर सूचना दें। उन्होंने कहा है कि बीमा कंपनियों के साथ मिलकर कृषि विभाग अधिकारी दस दिन के भीतर यह सर्वे पूरा करा किसानों को क्षतिपूर्ति का भुगतान कराएं।
आम को अभी नुकसान नहीं
मुख्य उद्यान विशेषज्ञ राजीव वर्मा के मुताबिक तापमान ज्यादा होने से आम के बौर को झुमका रोग अपनी चपेट में ले रहा था। अब बारिश होने से तापमान कम हुआ है। इससे नुकसान नहीं है। किसान बस नमी ज्यादा न होनें दें। नमी ज्यादा होने से दहिया, फफूंदी या खर्रा रोग बढ़ जाता है। बौर पर ऐसा लगता है जैसे आटा छिड़क दिया हो। इससे बचाव के लिए गंधकयुक्त फफूंदनाशी का प्रयोग करें। यदि बारिश लगातार होती रही तो फसल को नुकसान हो सकता है।
मंगलवार सुबह इन जिलों में तेज बारिश के आसार
शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, बिजनौर और मुरादाबाद
यहां ओलावृष्टि के आसार
बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर,
यहां गरज के साथ बिजली कड़कने की आशंका
अलीगढ़, अंबेडकरनगर, अमेठी, औरैया, अमरोहा, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, बिजनौर, देवरयिा, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, लखनऊ, महाराजगंज, मैनपुरी, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, संत कबीरनगर, संभल, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी।
ओलावृष्टि से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के सात जिलों में फसल खराब
प्रदेश में बीते दो दिनों में हुई ओलावृष्टि और बारिश से बुंदेलखंड और पूर्वांचल के सात जिलों में फसल खराब हुई है। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को ओलावृष्टि से फसल खराब होने का आकलन कराकर प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं।
ओलावृष्टि से बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले की सरीरा तहसील के दो गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसल खराब हुई है। ललितपुर जिले की चार तहसीलों के 17 गांवों में ओलावृष्टि हुई है। इनमें से चार गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसल खराब हुई है। महोबा जिले की दो तहसीलों के दो गांव में फसल 33 प्रतिशत से ज्यादा खराब हुई है।
वहीं पूर्वांचल के मिर्जापुर की मडिहान और लालगंज तहसील के 13 गांव और प्रयागराज की कोरांव तहसील के 20 गांवों में फसल 33 फीसदी से अधिक खराब हुई है। सोनभद्र की रॉबर्टसगंज और सदर तहसील और वाराणसी में ओलावृष्टि से 33 प्रतिशत से ज्यादा फसलें खराब हुई है।
...तो इन किसानों को नहीं मिल पाएगा लाभ
प्रदेश के कुछ जिलों की तहसीलों में किसानों की फसलें दस प्रतिशत से कम खराब हुई है। नियमानुसार 33 फीसदी से कम फसल खराब होने पर मुआवजा वितरण का प्रावधान नहीं है। ऐसे में जिन तहसीलों में 33 प्रतिशत से कम फसल खराब हुई है वहां किसानों को मुआवजा नहीं मिल सकेगा। ओलावृष्टि और बारिश से सहरानपुर, प्रतापगढ़, मथुरा, झांसी, बहराइच और औरेया में फसलों को 5 से 10 फीसदी तक नुकसान हुआ है। आगरा, बुलंदशहर के कुछ गांवों में 10 से 15 प्रतिशत तक फसलें खराब हुई है।
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