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twist in Ramcharitmanas episode: Former DGP Sulkhan Singh came out in support of Swami Prasad Maurya
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रामचरितमानस प्रकरण में नया मोड़ : स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Mon, 30 Jan 2023 10:32 PM IST
सार
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स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिये गए बयान पर प्रतिक्रिया ठीक नहीं है। मौर्य ने रामचरितमानस का अपमान नहीं किया है मात्र कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। उन्हें इसका अधिकार है। रामचरितमानस पर किसी जाति या वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है।
रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह भी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिंदू समाज के तमाम प्रदूषित और अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी।
उन्होंने लिखा किभारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया है। इन ग्रंथों में जातिवाद, ऊंचनीच, छुआछूत, जातीय श्रेष्ठता, हीनता आदि को दैवीय होना स्थापित किया गया है। अत: पीड़ित व्यक्ति या समाज अपना विरोध तो व्यक्त करेगा ही। किसी को भी भारतीय ग्रंथों पर एकाधिकार नहीं जताना चाहिए। कुछ अति उत्साही उच्च जाति के हिंदू हर ऐसे विरोध को गालीगलौज और निजी हमले करके दबाना चाहते हैं। यह वर्ग चाहता है कि सदियों से शोषित वर्ग, इस शोषण का विरोध न करे, क्योंकि वे इसे धर्मविरोधी बताते हैं। हिंदू समाज की एकता के लिए जरूरी है कि लोगों को अपना विरोध प्रकट करने दिया जाए।
उन्होंने लिखा कि भारतीय ग्रंथ सबके हैं। यह शोषित वर्ग हिंदू समाज में ही रहना चाहता है, इसीलिए विरोध करता रहता है। अन्यथा इस्लाम या ईसाई धर्म अपना चुका होता। अतीत में धर्मांतरण इसी कारण से हुए हैं। मौर्य ने मानस का अपमान नहीं किया है मात्र कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। उन्हें इसका अधिकार है। मानस पर किसी जाति या वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है।
नियमित पढ़ता हूं रामचरित मानस और भगवद्गीता
सुलखान सिंह ने लिखा कि राम और कृष्ण हमारे पूर्वज हैं। हम उनका अनुसरण करते हैं। हमें यह अधिकार है कि हम अपने पूर्वजों से प्रश्न करें। यह एक स्वस्थ समाज के विकास की स्वाभाविक गति है। राम और कृष्ण से उनके कई कार्यों के बारे में सदियों से आमलोग सवाल पूछते रहे हैं। यही उनकी व्यापक स्वीकार्यता का सबूत है। मैं रामचरित मानस और भगवद्गीता का नियमित पाठ करता हूं और इनका अनुसरण करने का यथासंभव प्रयास करता हूं।
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