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Lucknow News: हर स्कूल का बनेगा ट्रैफिक प्लान, जाम का होगा काम तमाम, डीएम ने मांगी सभी बड़े स्कूलों से कार्ययोजना, तीन दिन का दिया समय, हर स्कूल के लिए अलग-अलग ट्रैफिक प्लान तैयार करवाया जाएगा

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Sat, 25 Mar 2023 02:25 AM IST
Traffic plan for every school
लखनऊ। स्कूलों के बाहर सड़क पर गाड़ियां खड़ी करना बंद कराने और ट्रैफिक सुधारने के लिए अब योजना बनाकर काम किया जाएगा। इसके लिए डीएम ने सभी बड़े स्कूलों से तीन दिन में उनकी कार्ययोजना मांगी है। इसके आधार पर जिला प्रशासन हर स्कूल के लिए अलग-अलग ट्रैफिक प्लान तैयार करवाएगा।डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि मंडलायुक्त के निर्देश के बाद शुक्रवार को सभी स्कूल संचालकों के साथ वर्चुअल बैठक की गई। स्कूलों के बाहर जाम न लगे, इसके लिए सभी से स्थायी कार्ययोजना मांगी गई। यह मिलते ही जिला प्रशासन की टीम स्कूलों का निरीक्षण करेगी और फिर ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाएगा। इसे सभी स्कूलों के लिए अलग-अलग तैयार किया जाएगा, क्योंकि हर स्कूल की समस्या अलग है।

डीएम ने कहा कि कई स्कूल ऐसे हैं जिनके परिसर में काफी जगह है, लेकिन वे वाहनों को अंदर नहीं जाने देते। इनसे बातचीत कर वाहनों को अंदर खड़ा कराया जाएगा। साथ ही वाहनों की मूवमेंट के लिए योजना लागू कराई जाएगी। जिन स्कूलों में गाड़ियां खड़ी करने की जगह नहीं है, वहां भी इसके लिए व्यवस्था कराई जाएगी। स्कूल तीन दिन में कार्ययोजना बनाकर देंगे। इसके तुरंत बाद ट्रैफिक प्लान बनाकर एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र से इसे लागू करवाया जाएगा।


स्कूलों के असहयोग में फेल हुई कवायद
वर्ष 2022 के अगस्त में स्कूलों के बाहर जाम खत्म करने के लिए पूरे महीने अभियान चला। पुलिस अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन, शासन के अधिकारी तक सड़क पर उतरे। डीएम, संयुक्त पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त और एडीजी ट्रैफिक खुद छुट्टी और स्कूल खुलने के समय परिसर के बाहर खड़े रहे, लेकिन, हजरतगंज के आसपास के मिशनरी स्कूलों पर सख्ती नहीं की गई। यहां सड़कों को वन-वे करके ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने की कोशिश हुई। उधर, स्कूलों ने गाड़ियां अंदर नहीं आने दीं। उनके सहयोग न करने से पुलिस खुद ट्रैफिक संभालने के लिए जूझती रही। चौक, गोमतीनगर के बड़े स्कूलों ने भी न तो गाड़ियों को अंदर खड़ा होने दिया और न ही ट्रैफिक संभालने के लिए कर्मचारी लगाए। अधिकतर समय स्कूलवाले पुलिस पर ही निर्भर रहे।

कौन सा ट्रैफिक का पाठ पढ़ा रहे
कक्षा में बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाने वाले स्कूल प्रबंधन अपनी बिल्डिंग के बाहर नियमों की धज्जियां उड़ाकर जाम लगाने में लगे हैं। ट्रैफिक में सुधार के लिए पहले किए गए बदलावों को भी नहीं स्वीकारा। अभी भी गाड़ियां स्कूल परिसर के बाहर सड़क पर खड़ी कराई जा रही हैं। अब जिला प्रशासन फिर से वही पुरानी कवायद शुरू करेगा, जिससे स्कूल खुलने व छुट्टी के समय जाम का झाम न हो।
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