न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sat, 16 Nov 2019 02:24 PM IST
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने के संबंध में कानूनी राय लेने का फैसला किया है। बोर्ड 26 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में इस पर चर्चा करेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने सुप्रीमकोर्ट के फैसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की राय को भी महत्व देने की बात कही है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में विवादित भूमि हिन्दू पक्षकारों को देने के साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने बताया कि 26 नवंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कानूनी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलमानों के सभी तबकों की नुमाइंदगी करता है। इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आने वाली राय को भी महत्व दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड सभी लोगों की राय को तवज्जो दे रहा है। अभी जमीयत उलमा ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपनी राय दी है कि बोर्ड को पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिये। वहीं कई लोगों की राय आ रही है कि वक्फ बोर्ड को जमीन लेनी चाहिये और उस पर मस्जिद के साथ एक शैक्षणिक संस्था का निर्माण कराना चाहिए।
फारूकी ने कहा कि सभी लोगों की राय बोर्ड की बैठक में रखी जाएगी। इसके कानूनी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद बोर्ड के सदस्य इस मामले पर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि हमें ये भी देखना होगा कि बोर्ड के फैसले से कोर्ट की अवमानना भी न होने पाए।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला 1000 पन्नों से ज्यादा का है, उसे अभी भी पूरा पढ़ा नही जा सका है। उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करने की संभावना से इनकार किया।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने के संबंध में कानूनी राय लेने का फैसला किया है। बोर्ड 26 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में इस पर चर्चा करेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने सुप्रीमकोर्ट के फैसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की राय को भी महत्व देने की बात कही है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में विवादित भूमि हिन्दू पक्षकारों को देने के साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने बताया कि 26 नवंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कानूनी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलमानों के सभी तबकों की नुमाइंदगी करता है। इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आने वाली राय को भी महत्व दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड सभी लोगों की राय को तवज्जो दे रहा है। अभी जमीयत उलमा ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपनी राय दी है कि बोर्ड को पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिये। वहीं कई लोगों की राय आ रही है कि वक्फ बोर्ड को जमीन लेनी चाहिये और उस पर मस्जिद के साथ एक शैक्षणिक संस्था का निर्माण कराना चाहिए।
फारूकी ने कहा कि सभी लोगों की राय बोर्ड की बैठक में रखी जाएगी। इसके कानूनी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद बोर्ड के सदस्य इस मामले पर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि हमें ये भी देखना होगा कि बोर्ड के फैसले से कोर्ट की अवमानना भी न होने पाए।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला 1000 पन्नों से ज्यादा का है, उसे अभी भी पूरा पढ़ा नही जा सका है। उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करने की संभावना से इनकार किया।