‘बच्चे हमारे राष्ट्र व समाज का भविष्य हैं। एक विकसित राष्ट्र व समाज में अपराध नियंत्रण अति आवश्यक है। इसमें बहुत से पहलू मात्र की जानकारी होने से अपराध नियंत्रण संभव है। मैं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ आपको अपराध नियंत्रण के लिए कुछ बिंदु प्रेषित कर रहा हूं।
यह आशा करता हूं कि आप सप्ताह में कम से कम एक बार सुबह की असेंबली में इसे अवश्य पढ़ेंगे या पढ़वाएंगे और साथ में स्कूल के विद्यार्थी इसके प्रत्येक बिंदु को बोलकर दोहराएंगे।
मैं आशा करता हूं कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने साथियों और परिवारीजनों को भी उपरोक्त बातों से अवगत कराएंगे और अपने परिवार में सहर्ष सुधार का केंद्र बनेंगे। अन्य सभी लोग भी इसे समझें और अन्य लोगों को समझाएं।’
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने साइबर क्राइम से बचने के लिए राजधानी के सभी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को यह खुला पत्र भेजा है। अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए इजाद किए गए इस तरीके के जरिए पुलिस अपनी बात घर-घर पहुंचाना चाहती है।
पत्र में बच्चों को साइबर व अन्य अपराधों से बचने के टिप्स दिए गए हैं। मंगलवार को राजधानी पुलिस करीब दस हजार घरों में यह पत्र भेजेगी। एसएसपी ने बताया कि इसके तहत सभी स्कूलों में शपथपत्र बांटा जाएगा ताकि अपराध के खिलाफ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी एकजुट हो सकें।
एसएसपी ने साइबर क्राइम, महिला व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को नियंत्रण में करने के लिए कई बिंदु पर सुझाव दिए हैं। जिनकी लोगों को शपथ लेने की बात कही है।
वहीं एटीएम क्लोनिंग से लगातार लोगों के खाते से लाखों रुपये साफ हो रहे हैं। इससे बचने के लिए भी एसएसपी ने साइबर क्राइम सेल के सहयोग से सुझाव व निर्देश जारी किए हैं।
- कभी भी किसी को प्रत्यक्ष रूप से या फोन पर अपने एटीएम का पासवर्ड, सीवीवी, कार्ड नंबर नहीं बताएंगे।
- रुपये के लेन-देन संबंध में कोई भी बातचीत किसी सार्वजनिक स्थान या वाहन में बैठकर नहीं करेंगे। यहां तक फोन पर भी नहीं करेंगे।
- बैंक के अंदर किसी भी अंजान व्यक्ति का सहारा नहीं लेंगे। न ही किसी अंजान व्यक्ति पर विश्वास करेंगे।
- कभी किसी एटीएम बूथ में किसी दूसरे को अपना कार्ड चेक करने के लिए नहीं देंगे।
- बस या ट्रेन में किसी का दिया हुआ कुछ भी नहीं खाऊंगा, चाहे वह व्यक्ति खुद भी क्यों न खा-पी रहा हो।
- अपने घर के दरवाजों पर इंटरलॉक लगवाएंगे, ताकि बाहर से ताले लटकते न दिखें।
- अपने घर या दुकान के बाहर सीसीटीवी कैमरा जरूर लगवाएंगे।
- अगर मोहल्ले या कॉलोनी में कोई भी संदिग्ध फेरीवाला, कबाड़ी, घुमंतू दिखेगा तो तत्काल इसकी सूचना 112 नंबर पर दूंगा।
- बस अड्डा या टैक्सी-टैंपो स्टैंड से अधिकृत गाड़ियों में ही सफर के लिए बैठेंगे। किसी अंजान से लिफ्ट नहीं लेंगे।
- अजनबी व्यक्ति फेरी लगाने वाले, गैस चूल्हा सफाई, फल-सब्जी वाले आदि किसी को भी घर के अंदर नहीं घुसने देंगे।
- साथ ही इन सबकी जानकारी अपने परिवारीजनों व मित्रों को भी लगातार बताते रहेंगे।
- वहीं एटीएम बूथ का प्रयोग करें जिनमें गार्ड मौजूद हों।
- एटीएम कार्ड मशीन में डालते समय अपनी हथेली से छिपाकर पिन कोड डालें।
- अपना एटीएम का पिन कोड समय-समय पर बदलते रहें।
- संभव हो तो बैंक परिसर में स्थित एटीएम का ही प्रयोग करें।
- एटीएम मशीन में अधिक व्यक्ति हों तो रकम निकालने से बचें।
- सुनसान इलाके के एटीएम जहां गार्ड मौजूद न हों, वहां से रकम न निकालें।
- अपने एटीएम कार्ड का पिन कोड अज्ञात को न दिखाएं या न बताएं।
- अपने एटीएम कार्ड का नंबर अंजान को न दिखाएं व न बताएं।
- फोन कॉल जिसमें आपके बैंक संबंधी जानकारी मांगी जा रही हो उनसे जानकारी साझा न करें।
- मेसेज द्वारा प्राप्त कोई लिंक को खोलने से बचें।
- अपने बैंक खाते में कोई भी अपडेट करना हो तो बैंक जाकर ही करें।
- कभी भी अपनी बैंक संबंधी जानकारी फोन पर शेयर न करें।
- अपने फोन पर आए किसी भी ओटीपी को किसी से साझा न करें।
- ऐसी कोई भी ईनामी, लॉटरी का मेसेज जिसका आपने आवेदन नहीं किया है, उसको न खोलें।
- किसी भी इनामी योजना के कॉल पर कोई जानकारी शेयर न करें।
- किसी भी प्रकार के एप जैसे एनीडेस्क, टीमविवर आदि को मोबाइल में इंस्टाल न करें।
- सामान खरीदने व बेचने के दौरान रुपये का ऑनलाइन लेन-देन करने से बचें।
- खरीदारी से पहले सामान की जांच करें कि सामान सही है या नहीं।
- कोई अज्ञात आपके सामान को बिना जांच किए ऑनलाइन पेमेंट करने को बोले तो ऐसे भुगतान करने से बचे।
- सामान की सत्यता को बिना जांच किए पेमेंट न करें।
- किसी प्रकार का अपना डाटा जैसे आधार कार्ड, पैनकार्ड, ऑनलाइन न शेयर करें।
- मान्यता प्राप्त ऑनलाइन साइट्स का ही प्रयोग करें।
- ऑनलाइन शॉपिंग करते समय उनकेदिए गए वैरीफाइड एप से ही शॉपिंग करें।
- हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस का प्रयोग करें।
- ऐसी वेबसाइट पर अपना सीवी अपलोड करने से बचें, जो सरकार, मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा संचालित न हों।
- जॉब के संबंध में कोई भी भुगतान उस कंपनी के बैंक अकाउंट का सत्यापन करने के बाद ही जमा करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- ऐसे जॉब ऑफर लिंक जिसके लिए आपने आवेदन ही नहीं किया है, उसको न खोलें।
- बिना सत्यापन के कोई भी बैंक ट्रांजेक्शन न करें।
- हमेशा टू-स्टेप वेरीफिकेशन ऑन रखें।
- अंजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें।
- अपना पासवर्ड कभी भी किसी अंजान को शेयर न करें।
- फेसबुक पर कोई भी अंजान लिंक को न खोलें।
- संभव हो तो लोकेशन फीचर इनेबल न करें।
- किसी अन्य मोबाइल या डेस्क टॉप पर अपनी गोपनीय आईडी न खोलें।
- हमेशा अपडेटेड एंटीवायरल प्रयोग करें।
- हमेशा डिफॉल्ट ब्राउजर का ही प्रयोग करें ।
- पायरेटेड विंडोज के प्रयोग न करें।
- पायरेटेड एंटीवायरस प्रयोग न करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- प्रतिबंधित वेबसाइट को सर्च व खोलने से बचें।
- अंजान ऑनलाइन क्यूआर कोड स्कैन न करें।
- अंजान यूपीआई ट्रांजेक्शन लिंक ओपन करने से बचें।
- कभी भी अपना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी को शेयर न करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- कोई भी लिंक किसी भी अन्य मोबाइल नंबर पर फारवर्ड न करें।
राजधानी में पिछले दो सालों में साइबर अपराधों में दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 1687 मामले साइबर क्राइम सेल के पास विवेचना के लिए आए थे।
इनमें 935 मामले साइबर जालसाजों द्वारा खाते से रकम उड़ाने के थे। इसमें एटीएम क्लोनिंग, ओटीपी और अन्य तरह से खाते से रकम उड़ाने के मामले दर्ज हुए थे। इसके अलावा 752 मामले में फेसबुक, वाट्सएप, मोबाइल और ईमेल हैकिंग से संबंधित थे।
वहीं यह आकंड़ा इस साल बढ़कर तीन हजार केपार चला गया है। साइबर क्राइम सेल की टीम के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में तो लोगों की जरा सी लापरवाही उन पर भारी पड़ी है। लोगों को खुद सतर्क रहना होगा। तभी ऐसे अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।
‘बच्चे हमारे राष्ट्र व समाज का भविष्य हैं। एक विकसित राष्ट्र व समाज में अपराध नियंत्रण अति आवश्यक है। इसमें बहुत से पहलू मात्र की जानकारी होने से अपराध नियंत्रण संभव है। मैं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ आपको अपराध नियंत्रण के लिए कुछ बिंदु प्रेषित कर रहा हूं।
यह आशा करता हूं कि आप सप्ताह में कम से कम एक बार सुबह की असेंबली में इसे अवश्य पढ़ेंगे या पढ़वाएंगे और साथ में स्कूल के विद्यार्थी इसके प्रत्येक बिंदु को बोलकर दोहराएंगे।
मैं आशा करता हूं कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने साथियों और परिवारीजनों को भी उपरोक्त बातों से अवगत कराएंगे और अपने परिवार में सहर्ष सुधार का केंद्र बनेंगे। अन्य सभी लोग भी इसे समझें और अन्य लोगों को समझाएं।’
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने साइबर क्राइम से बचने के लिए राजधानी के सभी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को यह खुला पत्र भेजा है। अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए इजाद किए गए इस तरीके के जरिए पुलिस अपनी बात घर-घर पहुंचाना चाहती है।
कई बिंदु पर दिए सुझाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
पत्र में बच्चों को साइबर व अन्य अपराधों से बचने के टिप्स दिए गए हैं। मंगलवार को राजधानी पुलिस करीब दस हजार घरों में यह पत्र भेजेगी। एसएसपी ने बताया कि इसके तहत सभी स्कूलों में शपथपत्र बांटा जाएगा ताकि अपराध के खिलाफ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी एकजुट हो सकें।
एसएसपी ने साइबर क्राइम, महिला व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को नियंत्रण में करने के लिए कई बिंदु पर सुझाव दिए हैं। जिनकी लोगों को शपथ लेने की बात कही है।
वहीं एटीएम क्लोनिंग से लगातार लोगों के खाते से लाखों रुपये साफ हो रहे हैं। इससे बचने के लिए भी एसएसपी ने साइबर क्राइम सेल के सहयोग से सुझाव व निर्देश जारी किए हैं।
अपराध नियंत्रण के लिए नागरिकों को लेनी होगी यह शपथ
प्रतीकात्मक तस्वीर
- कभी भी किसी को प्रत्यक्ष रूप से या फोन पर अपने एटीएम का पासवर्ड, सीवीवी, कार्ड नंबर नहीं बताएंगे।
- रुपये के लेन-देन संबंध में कोई भी बातचीत किसी सार्वजनिक स्थान या वाहन में बैठकर नहीं करेंगे। यहां तक फोन पर भी नहीं करेंगे।
- बैंक के अंदर किसी भी अंजान व्यक्ति का सहारा नहीं लेंगे। न ही किसी अंजान व्यक्ति पर विश्वास करेंगे।
- कभी किसी एटीएम बूथ में किसी दूसरे को अपना कार्ड चेक करने के लिए नहीं देंगे।
- बस या ट्रेन में किसी का दिया हुआ कुछ भी नहीं खाऊंगा, चाहे वह व्यक्ति खुद भी क्यों न खा-पी रहा हो।
- अपने घर के दरवाजों पर इंटरलॉक लगवाएंगे, ताकि बाहर से ताले लटकते न दिखें।
- अपने घर या दुकान के बाहर सीसीटीवी कैमरा जरूर लगवाएंगे।
- अगर मोहल्ले या कॉलोनी में कोई भी संदिग्ध फेरीवाला, कबाड़ी, घुमंतू दिखेगा तो तत्काल इसकी सूचना 112 नंबर पर दूंगा।
- बस अड्डा या टैक्सी-टैंपो स्टैंड से अधिकृत गाड़ियों में ही सफर के लिए बैठेंगे। किसी अंजान से लिफ्ट नहीं लेंगे।
- अजनबी व्यक्ति फेरी लगाने वाले, गैस चूल्हा सफाई, फल-सब्जी वाले आदि किसी को भी घर के अंदर नहीं घुसने देंगे।
- साथ ही इन सबकी जानकारी अपने परिवारीजनों व मित्रों को भी लगातार बताते रहेंगे।
एटीएम क्लोनिंग से बचने के लिए क्या करें
प्रतीकात्मक तस्वीर
- वहीं एटीएम बूथ का प्रयोग करें जिनमें गार्ड मौजूद हों।
- एटीएम कार्ड मशीन में डालते समय अपनी हथेली से छिपाकर पिन कोड डालें।
- अपना एटीएम का पिन कोड समय-समय पर बदलते रहें।
- संभव हो तो बैंक परिसर में स्थित एटीएम का ही प्रयोग करें।
- एटीएम मशीन में अधिक व्यक्ति हों तो रकम निकालने से बचें।
- सुनसान इलाके के एटीएम जहां गार्ड मौजूद न हों, वहां से रकम न निकालें।
- अपने एटीएम कार्ड का पिन कोड अज्ञात को न दिखाएं या न बताएं।
- अपने एटीएम कार्ड का नंबर अंजान को न दिखाएं व न बताएं।
फोन कॉल से होने वाले जालसाजी से बचने के सुझाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोन कॉल जिसमें आपके बैंक संबंधी जानकारी मांगी जा रही हो उनसे जानकारी साझा न करें।
- मेसेज द्वारा प्राप्त कोई लिंक को खोलने से बचें।
- अपने बैंक खाते में कोई भी अपडेट करना हो तो बैंक जाकर ही करें।
- कभी भी अपनी बैंक संबंधी जानकारी फोन पर शेयर न करें।
- अपने फोन पर आए किसी भी ओटीपी को किसी से साझा न करें।
- ऐसी कोई भी ईनामी, लॉटरी का मेसेज जिसका आपने आवेदन नहीं किया है, उसको न खोलें।
- किसी भी इनामी योजना के कॉल पर कोई जानकारी शेयर न करें।
- किसी भी प्रकार के एप जैसे एनीडेस्क, टीमविवर आदि को मोबाइल में इंस्टाल न करें।
ऑनलाइन खरीदारी व बेचने में सुरक्षा के निर्देश
प्रतीकात्मक तस्वीर
- सामान खरीदने व बेचने के दौरान रुपये का ऑनलाइन लेन-देन करने से बचें।
- खरीदारी से पहले सामान की जांच करें कि सामान सही है या नहीं।
- कोई अज्ञात आपके सामान को बिना जांच किए ऑनलाइन पेमेंट करने को बोले तो ऐसे भुगतान करने से बचे।
- सामान की सत्यता को बिना जांच किए पेमेंट न करें।
- किसी प्रकार का अपना डाटा जैसे आधार कार्ड, पैनकार्ड, ऑनलाइन न शेयर करें।
- मान्यता प्राप्त ऑनलाइन साइट्स का ही प्रयोग करें।
- ऑनलाइन शॉपिंग करते समय उनकेदिए गए वैरीफाइड एप से ही शॉपिंग करें।
नौकरी से संबंधी जालसाजी से बचाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
- हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस का प्रयोग करें।
- ऐसी वेबसाइट पर अपना सीवी अपलोड करने से बचें, जो सरकार, मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा संचालित न हों।
- जॉब के संबंध में कोई भी भुगतान उस कंपनी के बैंक अकाउंट का सत्यापन करने के बाद ही जमा करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- ऐसे जॉब ऑफर लिंक जिसके लिए आपने आवेदन ही नहीं किया है, उसको न खोलें।
- बिना सत्यापन के कोई भी बैंक ट्रांजेक्शन न करें।
फेसबुक से संबधी अपराध से बचें
प्रतीकात्मक तस्वीर
- हमेशा टू-स्टेप वेरीफिकेशन ऑन रखें।
- अंजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें।
- अपना पासवर्ड कभी भी किसी अंजान को शेयर न करें।
- फेसबुक पर कोई भी अंजान लिंक को न खोलें।
- संभव हो तो लोकेशन फीचर इनेबल न करें।
- किसी अन्य मोबाइल या डेस्क टॉप पर अपनी गोपनीय आईडी न खोलें।
कंप्यूटर व ई-मेल हैकिंग से बचाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
- हमेशा अपडेटेड एंटीवायरल प्रयोग करें।
- हमेशा डिफॉल्ट ब्राउजर का ही प्रयोग करें ।
- पायरेटेड विंडोज के प्रयोग न करें।
- पायरेटेड एंटीवायरस प्रयोग न करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- प्रतिबंधित वेबसाइट को सर्च व खोलने से बचें।
यूपीआई के अपराध से बचाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
- अंजान ऑनलाइन क्यूआर कोड स्कैन न करें।
- अंजान यूपीआई ट्रांजेक्शन लिंक ओपन करने से बचें।
- कभी भी अपना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी को शेयर न करें।
- किसी अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
- कोई भी लिंक किसी भी अन्य मोबाइल नंबर पर फारवर्ड न करें।
सालभर में दोगुने हो गए साइबर अपराध
प्रतीकात्मक तस्वीर
राजधानी में पिछले दो सालों में साइबर अपराधों में दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 1687 मामले साइबर क्राइम सेल के पास विवेचना के लिए आए थे।
इनमें 935 मामले साइबर जालसाजों द्वारा खाते से रकम उड़ाने के थे। इसमें एटीएम क्लोनिंग, ओटीपी और अन्य तरह से खाते से रकम उड़ाने के मामले दर्ज हुए थे। इसके अलावा 752 मामले में फेसबुक, वाट्सएप, मोबाइल और ईमेल हैकिंग से संबंधित थे।
वहीं यह आकंड़ा इस साल बढ़कर तीन हजार केपार चला गया है। साइबर क्राइम सेल की टीम के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में तो लोगों की जरा सी लापरवाही उन पर भारी पड़ी है। लोगों को खुद सतर्क रहना होगा। तभी ऐसे अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।