विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   Rashtriya Swayam Sevak Sangh will increase penetration among scheduled castes and tribal castes in UP

UP: अनुसूचित जाति और आदिवासी जातियों के बीच पैठ बढ़ाएगा संघ, जातियों को प्रतिनिधित्व देने का प्लान

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 08 Jun 2023 10:33 AM IST
सार

संघ बीते कुछ वर्षों से सर्वव्यापी और सर्वस्पशी अभियान को लेकर काम कर रहा है। संघ का मानना है कि संघ का कार्य सर्वव्यापी तो हो गया है। शाखा, मिलन, सामाजिक समरसता और वैचारिक संगठनों के जरिये संघ का काम प्रत्येक न्याय पंचायत तक पहुंच चुका है। संघ के स्वयंसेवक या वैचारिक संगठन के कार्यकर्ता हर जगह मौजूद हैं। 

Rashtriya Swayam Sevak Sangh will increase penetration among scheduled castes and tribal castes in UP
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

विस्तार
Follow Us

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रदेश में जाटव और आदिवासी जातियों के बीच पैठ बढ़ाएगा। संघ ने दलित और पिछड़े वर्ग की उन सभी जातियों को संघ में प्रतिनिधित्व देने की योजना बनाई है, जो अभी तक संघ की मुख्य धारा से वंचित रही हैं। संघ के आगामी शताब्दी वर्ष और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे संघ का बड़ा कदम माना जा रहा है।


संघ बीते कुछ वर्षों से सर्वव्यापी और सर्वस्पशी अभियान को लेकर काम कर रहा है। संघ का मानना है कि संघ का कार्य सर्वव्यापी तो हो गया है। शाखा, मिलन, सामाजिक समरसता और वैचारिक संगठनों के जरिये संघ का काम प्रत्येक न्याय पंचायत तक पहुंच चुका है। संघ के स्वयंसेवक या वैचारिक संगठन के कार्यकर्ता हर जगह मौजूद हैं। 


लेकिन, सर्वस्पर्शी पहल पर फोकस होना बाकी है। संघ ने अब सर्वस्पर्शी कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति वर्ग में जाटव वर्ग में काम शुरू किया है। प्रदेश में जाटव समाज की आबादी 10 फीसदी से अधिक है। दलितों में जाटव समाज को संघ की शाखा या अन्य किसी कार्यक्रम के जरिये अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने की योजना है। 

जाटव समाज के अतिरिक्त भी दलितों की अन्य जातियों के बीच संघ विस्तार की तैयारी कर रहा है। वहीं आदिवासी जातियों में थारू, बुक्सा, कोल, भील जातियों के साथ वनटांगिया व मुसहर जातियों के लोगों को भी संघ से जोड़कर प्रतिनिधित्व देने की योजना है। इन जातियों से जुड़े इलाकों में संघ ने सेवा कार्य के साथ सामाजिक समरसता के कार्यक्रमों का आयोजन भी शुरू किया है। 

संघ की ओर से खास ध्यान रखा जा रहा है कि जाटव और आदिवासी जातियों से जुड़े लोगों के साथ किसी भी प्रकार भेदभाव न हो। सरकार के स्तर से इन समाजों के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को लाभान्वित भी कराया जाए। उधर, जानकारों का मानना है कि जाटव समाज को बसपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। बसपा की मौजूदा स्थिति में जाटव समाज के बीच संघ के कामकाज का लाभ लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिलेगा।
 

ओबीसी की सभी जातियों तक पहुंचा संघ

प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की मौर्य, सैनी, कुशवाहा, राजभर, कुर्मी, यादव, निषाद, जाट, लोधी सहित सभी प्रमुख जातियों का संघ में प्रतिनिधित्व हो गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें