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आयोग का फैसला: मृतक की पत्नी को 25 लाख रुपये दे बीमा कंपनी, कोरोना काल में खत्म हुई थी डीएल की वैधता

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Sun, 02 Apr 2023 02:00 PM IST
सार

राज्य उपभोक्ता आयोग ने दिए गए अपने फैसले में कहा कि कोरोना काल में खत्म डीएल की वैधता पर बीमा का दवा रोकना गलत है। इस संबंध में जिला आयोग गौतमबुद्धनगर का फैसला बरकरार रखा गया है।

Rajya Upbhokta Ayog gives decision in favour of dead man's wife in a case.
- फोटो : Istock

विस्तार

कोरोना काल में लागू लॉकडाउन अवधि में खत्म हुई ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) की वैधता के कारण बीमा कंपनी दावे की राशि का भुगतान करने से इन्कार नहीं कर सकती है। लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ऐसे डीएल की वैधता अवधि की समयसीमा को बढ़ा दिया था। इस आदेश के साथ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ ने बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी।



पीठ ने जिला आयोग, गौतमबुद्धनगर के आदेश को बरकरार रखते हुए मृतक बीमित की पत्नी को दावे की पूरी राशि 25.58 लाख रुपये चुकाने का निर्देश दिया। यह वाद गौतमबुद्धनगर निवासी शालिनी सिंह की ओर से दाखिल किया था। इसमें बताया गया कि उनके पति मनोज चंद्रपाल सिंह ने अपनी सफारी स्टॉर्म का बीमा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से कराया था।


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पॉलिसी में बीमित वाहन 10.58 लाख व व्यक्तिगत कैजुअल कवर 15 लाख रुपये का था। चार अक्तूबर 2020 को दुर्घटना में वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मनोज की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस रिपोर्ट के बाद इसकी सूचना बीमा कंपनी को दी गई। दावा क्लेम करने पर बीमा कंपनी ने भुगतान से मना कर दिया। शालिनी सिंह ने इसके खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में अपील की। जहां आयोग ने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए दावा राशि भुगतान करने का आदेश दिया। बीमा कंपनी ने इसे अनुचित बताते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की।

बीमा कंपनी के मुताबिक हादसे के समय बीमित का डीएल वैध न होने के कारण बीमा स्वीकार योग्य नहीं है। राज्य आयोग की पीठ ने माना कि डीएल की वैधता अवधि 15 मार्च 2020 को खत्म हो गई थी, लेकिन कोरोना काल के कारण केंद्र सरकार ने ऐसे सभी डीएल की वैधता अवधि 30 जून 2021 तक बढ़ा दी थी। ऐसे में मृतक के पास मौजूद डीएल वैध है। इस कारण कार पैकेज पॉलिसी नियम के तहत बीमा कंपनी मृतक बीमित की पत्नी को दावे की राशि के बतौर 25.58 लाख रुपये चुकाने के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी होगी।

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