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प्रिया राठौर मामले में पुलिस की नाकामी: पांच महीने की विवेचना और पुरानी कहानी पर ही लगा दी मुहर
माई सिटी रिपोर्टर, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Tue, 30 May 2023 12:22 PM IST
प्रिया राठौर मौत कांड में पुलिस कोई पुख्ता सुराग नहीं जुटा सकी है। स्कूल प्रबंधन शुरू से ही खुदकुशी का दावा करता रहा। पुलिस ने भी कई बार वही दोहराया, फाइनल रिपोर्ट भी उसी आधार पर लगा दी।
प्रिया राठौर (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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छात्रा प्रिया राठौर की मौत के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाना पुलिस की बड़ी नाकामी रही। परिजन हत्या के आरोप पर कायम हैं। पुलिस खुदकुशी बता रही है लेकिन वजह नहीं तलाश पाई। ऐसे में मृतका के परिजन पुलिस की कार्रवाई से बेहद असंतुष्ट हैं। पुलिस ने पांच महीने तक विवेचना की। आखिर में उसी कहानी पर मुहर लगा दी, जिसको पहले दबी जुबान से बताया जा रहा था और वही दावा स्कूल प्रबंधन भी करता रहा था। ऐसे में पुलिस पांच महीने तक कोई पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बजाय सिर्फ समय बिताती रही।
जालौन निवासी जसराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर ग्लोबल स्कूल से आठवीं कक्षा की छात्रा थी। वह स्कूल के हॉस्टल में रहती थी। 20 जनवरी की रात उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजनों ने हत्या का केस दर्ज कराया था। शुरू में स्कूल प्रबंधन ने कई गुमराह करने वाली जानकारियां दीं। बाद में स्कूल प्रबंधन का कहना था कि प्रिया ने खुदकुशी की। पुलिस भी इसी पहलू पर जांच करती रही। इस बीच क्राइम सीन रिक्रिएट कराया। धीरे-धीरे पांच महीने का वक्त बिता दिया और आखिर में केस की फाइल बंद कर दी। उसी थ्योरी पर पुलिस ने एफआर लगाई जो स्कूल प्रबंधन कहता रहा।
आखिर पुलिस को क्या सुबूत मिले जिससे वह खुदकुशी का दावा कर रही
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर परिजनों ने एक्सपर्ट के हवाले से सवाल उठाए थे। तब पुलिस ने क्राइम सीन दोहराया था, जिसमें ऊंचाई से गिरने की बात सामने आई थी। फिर पुलिस ने प्रिया के कपड़े, खून के छींटे लगी जींस, हैंड राइटिंग का मिलान कराया व उसके पिता का मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इन सभी चीजों की रिपोर्ट से भी पुलिस कुछ हासिल नहीं कर सकी। सवाल है कि इस जांच से पुलिस को क्या सुबूत मिले, जिससे वह खुदकुशी का दावा कर रही है।
पिता ने उठाए सवाल-कुछ तो कारण रहा होगा बेटी की मौत के पीछे
परिजन पुलिस की कार्रवाई से बहुत नाखुश हैं। पिता जसराम का कहना है कि वह जल्द उच्चाधिकारियों से मिलकर केस की दोबारा जांच की मांग करेंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उनका कहना था कि कोई तो कारण रहा होगा, जो 13 साल की बेटी की मौत हो गई। पुलिस खुदकुशी करने का दावा तो कर रही है, लेकिन सुबूत समेत उसको साबित नहीं कर सकी है।
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