न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Wed, 10 Feb 2021 08:12 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में पशुधन-गोधन बैंक बनाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार को निर्देश देने की आग्रह वाली जनहित याचिका को बुधवार को निस्तारित कर दिया। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की बेंच ने आदेश दिया कि याची संबंधित अफसरों को अर्जी दे सकता है, जो इस पर कानून के मुताबिक निर्णय लेंगे।
याचियों का कहना था कि प्रदेश में पशुपालक अगर कुछ समय के लिए कहीं जाना चाहें तो उन्हें पशुओं को कहीं और रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने पशुधन-गोधन बनाने के केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश देने की गुजारिश की थी। जिससे पशुपालक खर्च जमा करके वहां अपने पशुओं को रख सकें। इस मामले में सरकारी वकील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को अर्जी दिए बिना याचिका दायर की गई है, जो सुनवाई योग्य नहीं है। इस पर याची वकील ने राज्य सरकार के पशुधन विकास सचिव को अर्जी देने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया। साथ ही कहा कि याची संबंधित अफसरों को अर्जी दे सकता है, जो इस पर कानून के मुताबिक निर्णय लेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में पशुधन-गोधन बैंक बनाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार को निर्देश देने की आग्रह वाली जनहित याचिका को बुधवार को निस्तारित कर दिया। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की बेंच ने आदेश दिया कि याची संबंधित अफसरों को अर्जी दे सकता है, जो इस पर कानून के मुताबिक निर्णय लेंगे।
याचियों का कहना था कि प्रदेश में पशुपालक अगर कुछ समय के लिए कहीं जाना चाहें तो उन्हें पशुओं को कहीं और रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने पशुधन-गोधन बनाने के केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश देने की गुजारिश की थी। जिससे पशुपालक खर्च जमा करके वहां अपने पशुओं को रख सकें। इस मामले में सरकारी वकील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को अर्जी दिए बिना याचिका दायर की गई है, जो सुनवाई योग्य नहीं है। इस पर याची वकील ने राज्य सरकार के पशुधन विकास सचिव को अर्जी देने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया। साथ ही कहा कि याची संबंधित अफसरों को अर्जी दे सकता है, जो इस पर कानून के मुताबिक निर्णय लेंगे।