एसजीपीजीआई ने सर्जरी के लिए दूसरे रोबोट की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। किसी भी सरकारी संस्थान का पहला रोबोट हासिल करने वाले एसजीपीजीआई ने अब दूसरे का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। संस्थान में रोबोटिक सर्जरी के लिए करीब चार महीने की वेटिंग को देखते हुए सरकार से एक नया रोबोट देने की मांग की जाएगी। नया रोबोट मिलने पर रोबोटिक सर्जरी की वेटिंग कम होगी।
संस्थान के रोबोटिक सर्जरी इंचार्ज और यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एमएस अंसारी ने बताया कि संस्थान में जनवरी 2021 में रोबोट आया था। कोविड महामारी के बावजूद संस्थान ने अब तक करीब सवा पांच सौ रोबोटिक सर्जरी की हैं। एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की लागत निजी संस्थानों के मुकाबले करीब 20 फीसदी ही आती है। संस्थान में इस समय यूरोलॉजी, कॉर्डियक, गैस्ट्रो, पीडियाट्रिक सर्जरी आदि विभागों में रोबोटिक सर्जरी हो रही है। हर विभाग को सप्ताह में एक-एक दिन रोबोट उपलब्ध होता है। इसकी वजह से वेटिंग ज्यादा होती है। इसकी वजह से इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। इसको पूरा करने के लिए सरकार से एक अतिरिक्त रोबोट की मांग की जा रही है। अब तक यूरोलॉजी में 255, बाईपास सर्जरी-48, गैस्ट्रो सर्जरी-75, पीडियाट्रिक सर्जरी- 24, एंडोसर्जरी-67, अन्य- 60 रोबोटिक सर्जरी हो चुकी हैं।
ज्यादा सुरक्षित और सटीक
प्रो. अंसारी के अनुसार रोबोटिक सर्जरी में सामान्य सर्जरी के मुकाबले कम खून बहता है। चीरा भी ज्यादा सटीक और कम होता है, इसकी वजह से मरीज की जल्दी छुट्टी हो जाती है। इसी वजह से यह ज्यादा सुरक्षित होती है। इसकी वजह से लोगों का रुझान इसकी ओर तेजी से बढ़ रहा है।
मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद
रोबोटिक सर्जरी का उम्मीद से बेहतर परिणाम देखने को मिला है। ज्यादा सुरक्षित और सटीक होने की वजह से इसकी मांग भी काफी है, इसलिए सरकार से अतिरिक्त रोबोट की मांग का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उम्मीद है इसे शासन इसे मंजूरी दे देगा।
- प्रो. आरके धीमन, निदेशक, एसजीपीजीआई