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उत्तर प्रदेश बिजली उत्पादन के मामले में नया रिकॉर्ड कायम किया है। चार साल पहले 37657 मिलियन यूनिट उत्पादन से बने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए इस साल 39691 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ है। यह अब तक रहे रिकॉर्ड से 5.40 फीसदी अधिक है।
प्रदेश में वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश राकीय विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने 37657 मिलियन यूनिट सकल विद्युत उत्पादन करके रिकॉर्ड कायम किया था। इसके बाद से यह रिकॉर्ड नहीं टूट पाया था, लेकिन वर्ष 2022-23 में 2034 मिलियन यूनिट अधिक उत्पादन करते हुए कुल उत्पादन 39691 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया। यह पहले से बने रिकॉर्ड की अपेक्षी 5.40 फीसदी अधिक है।
अनपरा, ओबरा, पारीछा तथा हरदुआगंज तापीय परियोजनाओं में वर्ष 2021-22 में 35022 मिलियन यूनिट सकल उत्पादन हुआ था। पिछले साल की अपेक्षा इस साल करीब 13.33 फीसदी अधिक उत्पादन हुआ है। इसी तरह वर्ष 2022-23 में उत्पादन निगम ने 76.44 फीसदी प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) प्राप्त किया गया है। यानी कुल उत्पादन क्षमता की अपेक्षा 76.44 फीसदी उत्पादन हुआ है। इससे पहले वर्ष 2019-20 में 68.80 फीसदी, वर्ष 2020-21 में 69.71 फीसदी और 2021-22 में 71.82 फीसदी रहा है।
निरंतर उत्पादन बढ़ाने का प्रयास- शर्मा
इस उपलब्धि पर बिजली कर्मियों एवं अधिकारियों को बधाई देते हुए नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन पर कीर्तिमान बनाने में अनपरा डी ताप विद्युत गृह की दोनों इकाइयों ने 95.75 फीसदी पीएलएफ रखते हुए 8388 मिलियन यूनिट उत्पादन किया। इसी तरह ओबरा ''ब'' ताप विद्युत गृह की दोनों इकाइयों ने 6097 मिलियन यूनिट का सकल विद्युत उत्पादन किया गया हैं। उन्होंने बतया कि प्रयास होगा कि भविष्य में भी उत्पादन की दर निरंतर बढ़ती रहे। प्रदेश में बिजली का उत्पादन बढ़ा और इसमें होने वाला खर्च घटा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद पारीक्षा सहित अन्य पॉवर प्लांट का जाकर निरीक्षण किया। वहां के कार्मिकों का मनोबल बढ़ाया। भारत कोकिंग कोल (बीसीसीएल) की कोयला खदान में महानदी कोल फील्ड्स लिमिटिड (एनसीएल) से कोयला लाकर 400 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत की गई।
प्लांट निरंतर चलने का मिला फायदा
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि उत्पादन इकाइयों को निरंतर सक्रिय रखने का फायदा मिला है। यह रणनीति अपनाई गई कि पावर प्लांट बंद न हो। यदि किसी कारणवश बंद हो तो तत्काल चालू हो जाएं। कोयले की उपलब्धता में कहीं कमी न होने पाए। कर्मचारियों एवं अधिकारियों को निरंतर उत्साहवर्धन भी किया गया। इन सभी प्रयासों से उत्पादन में नया रिकॉर्ड बना है।