लखनऊ। एकेटीयू के केंद्रीय पुस्तकालय में अब शिक्षकों व शोधार्थियों को नैनो साइंस की इनसाइक्लोपीडिया पढ़ने को मिलेगी। विश्वविद्यालय की ओर से इसके लिए नैनो साइंस से जुड़ी 32 वॉल्यूम की इनसाइक्लोपीडिया मंगवाई गई है।
वर्तमान में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नैनो तकनीकी से जुड़े कोर्सों की काफी मांग है। नैनो तकनीकी हर क्षेत्र में प्रयोग में लाई जा रही है। इसकी मांग को देखते हुए पुस्तकालय में खास रूप से इनसाइक्लोपीडिया इन नैनो साइंस 32 वॉल्यूम की किताब अमेरिका से मंगाई गई है। लाइब्रेरी में इस समय दस हजार से अधिक किताबें हैं। इसमें विज्ञान, इंजीनियरिंग, नैनो टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस, मेकाट्रॉनिक्स, मैनुफैक्चरिंग, एनर्जी, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन शामिल हैं। साथ ही करीब 38 हजार ई-पुस्तकें और 25 सौ से ज्यादा प्रतिष्ठित प्रकाशकों की ई-पत्रिकाएं भी उपलब्ध हैं जिन्हें छात्र एक क्लिक पर पढ़ सकते हैं। विवि में संबद्ध संस्थानों के साथ ही प्रदेश के अन्य बड़े संस्थानों से शिक्षक, शोधार्थी और छात्र यहां आते हैं। साथ ही लाइब्रेरी में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही बाहरी लोगों को भी पढ़ने की सुविधा दी गयी है। आम लोग निर्धारित शुल्क जमाकर सदस्यता ले सकते हैं।
जल्द ही हिंदी में इंजीनियरिंग की किताबें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को बढ़ावा देने की कवायद भी विवि कर रहा है। इसके लिए जल्द ही हिंदी में किताबें भी लाइब्रेरी में उपलब्ध होंगी। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इसके लिए तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है जो हिंदी में इंजीनियरिंग की किताबों के लिए नियमावली बनाएगी।