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Rain Havoc : बारिश में गिरी दीवार, मलबे में दबकर लखनऊ में नौ की मौत, उन्नाव में भी गई तीन की जान, मुकदमा दर्ज

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, लखनऊ Published by: अनुराग सक्सेना Updated Sat, 17 Sep 2022 12:57 AM IST
9 People Died House Wall Collapse Due to Heavy Rain in Lucknow's Hazratganj News in Hindi
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लखनऊ में कैंट इलाके के दिलकुशां में सेना की आफिसर्स कालोनी गौर इंक्लेव की दीवार तीन दिन से हो रही बारिश में भरभराकर गिर गई। दीवार के मलबे में दबकर दो परिवार के नौ लोगों की मौत हो गई। सभी मजदूरी करते थे। हादसा तड़के करीब 3 बजे हुआ। सूचना पर सेना, कमिश्नरेट पुलिस और एसडीआरएफ के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे।

दो घंटे तक लगातार तीनों टीमों ने राहत कार्य जारी रखा। किसी तरह मलबा हटाकर दो को जिंदा निकाला जिनको इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। वहीं मलबे में दबे नौ लोगों के शव बाहर निकाले गये। हादसे में सभी मृतक झांसी और मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के रहने वाले हैं। इस मामले में केस दर्ज किया गया है। घायल राघवेंद्र के रिश्तेदार अनिल की तहरीर पर कैंट थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ खराब निर्माण सामग्री प्रयोग करने और लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया है। 

उधर, उन्नाव जिले में असोहा थाना क्षेत्र के कांथा मे कच्चा मकान गिरने से दो भाइयों और एक बहन सहित तीन की मौत हो गई। सूचना पर डीएम भी मौके पर पहुंचीं। अधिकारियों ने मृतकों के माता, पिता को ढांढस बंधाया और सहायता की बात कही है। बता दें कि दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से कच्चे मकान गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। गुरुवार रात कांथा में लगभग 1:30 बजे ज्ञान प्रकाश रैदास का कच्चा मकान भरभराकर गिर गया। इससे उसके नीचे सो रहे सगे भाई-बहन अंकित (20), उन्नति (6) और अंकुश (4) की दबकर मौत हो गई।
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लखनऊ में कैंट इलाके के दिलकुशां में सेना के आफिसर्स कालोनी गौर इंक्लेव की दीवार मलबे में दबकर मरने वालों में झांसी के पछवारा निवासी पप्पू (40), उसकी पत्नी मान कुंवर देवी (40), बेटा प्रदीप (20), प्रदीप की पत्नी रेशमा (18), प्रदीप की बेटी नैना उर्फ भारती (4), मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ सेमरा निवासी धर्मेंद्र (24), उसकी पत्नी चंदा (20), उसके दो बेटे अजय (4) व नीरज (1) शामिल है। वहीं घायलों में पप्पू का बेटा गोलू और राघवेंद्र शामिल हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया के मुताबिक इंक्लेव में दीवार का निर्माण कार्य चल रहा है। सभी वहां मजदूरी कर रहे थे। ठेकेदार तुलसीराम ने पास में ही झुग्गी बस्ती बनाकर उनको रहने का इंतजाम कराया था। चार महीने से वहां पर रहते थे। देर शाम को पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद पप्पू के भाई चंद्रभान को सुपुर्द किया। सभी नौ शव को लेकर वह झांसी और टीकमगढ़ के लिए रवाना हो गया है।
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जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार के मुताबिक दीवार के पास दोनों परिवार के लोग झोपड़ी में सोए थे। हादसे की सूचना मिलते ही राहत कार्य शुरू कर दिया गया था। वहीं जेसीपी कानून-व्यवस्था के मुताबिक राहत कार्य सुबह करीब 3.30 बजे से शुरू  किया गया। शुरूआती दौर में सेना व कश्मिनरेट पुलिस के कैंट सर्किल के तीन थानों आशियाना इंस्पेक्टर अजय मिश्रा, कैंट, पीजीआई के इंस्पेक्टर बृजेश यादव, डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह व एसीपी कैंट अनूप सिंह के नेतृत्व में जुट गये थे। लेकिन आने जाने का रास्ता काफी खराब था। काफी मोटी दीवार होने के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही थी। इसके बाद एसडीआरएफ कमांडेंट डॉ. सतीश कुमार को टीम के साथ बुलाया गया। करीब पांच बजे से एसडीआरएफ की टीम ने संयुक्त आपरेशन शुरू किया। जिसके बाद दो घंटे में शव को बाहर निकाला गया।
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हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य करने का निर्देश दिया। लगातार अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत कर रहे थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया कि सरकार हर संभव मदद करेगी। उधर घायलों को इलाज के लिए उचित इंतजाम करने का निर्देश दिया।

 
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हादसे में मृत पप्पू के रिश्तेदार चंद्रभान कानपुर में रहकर मजदूरी करता है। वह रामाबाई में रहता है। उसे पुलिस ने सुबह 7.30 बजे हादसे की सूचना दी। वह किसी तरह पड़ोसियों से कर्ज लेकर लखनऊ पहुंचा। वहीं पड़ोसी से बाइक से लखनऊ छोड़ने की बात कही। किसी तरह लखनऊ पहुंचा। चंद्रभान ने बताया कि चार भाइयों में पप्पू उर्फ गिरजानंद दूसरे नंबर पर था। बड़ा भाई राजकिशोर, उससे छोटा बबलू और चंद्रभान चारो भाई अलग-अलग मजदूरी करते है। पप्पू लखनऊ में और चंद्रभान कानपुर में रहकर मजदूरी करते थे। चंद्रभान ने बताया कि उसके पास चार शवों के अंतिम संस्कार केलिए भी रूपये नहीं है। वहीं भतीजे सीताराम उर्फ गोलू हादसे में घायल है। उसका इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है।
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