Hindi News
›
Uttar Pradesh
›
Lucknow News
›
Lucknow News: Drunken property dealer ran SUV, couple and son kept dragging for 100 meters, all four died
{"_id":"6477546b07f5366c770c3385","slug":"lucknow-news-drunken-property-dealer-ran-suv-couple-and-son-kept-dragging-for-100-meters-all-four-died-2023-05-31","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"दर्दनाक हादसा : 100 मीटर तक घिसटते रहे दंपती व बेटे, चारों की मौत, चंद सेकंड तड़पते रहे, फिर सब खामोश हो गए","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दर्दनाक हादसा : 100 मीटर तक घिसटते रहे दंपती व बेटे, चारों की मौत, चंद सेकंड तड़पते रहे, फिर सब खामोश हो गए
माई सिटी रिपोर्टर, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Thu, 01 Jun 2023 01:50 AM IST
मैं भी बड़े मंगल पर मंदिर गया था। देर रात घर लौट रहा था। मेरे आगे राम सिंह स्कूटी से चल रहा था। जैसे वह तिराहा पार करने लगे वैसे ही रफ्तार में आई एसयूवी स्कूटी समेत चारों को उड़ा ले गई। पीछे-पीछे मैं भाग तो देखा कि इधर उधर लोग छिटक कर गिर रहे हैं।
नशे में धुत प्रॉपर्टी डीलर राजेंद्र पाल की एसयूवी की रफ्तार की कहर ने पूरे परिवार की जान ले ली। मंगलवार देर रात विकासनगर गुलाचीन मंदिर मोड़ के पास बेकाबू रफ्तार उसकी एसयूवी ने दंपती की स्कूटी को टक्कर मार दी। स्कूटी एसयूवी में फंस गई लेकिन उसने भागने की कोशिश में 100 मीटर तक उसे घसीटता चला गया। आखिर में डिवाइडर से टकराकर एसयूवी बंद हो गई तो वह भाग निकला। हादसे में दंपती व उनके दो बेटों की मौत हो गई। आननफानन पुलिस की मदद से क्षत-विक्षत शवों को ढका और फिर मॉर्च्युरी ले जाए गए। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किए गए। पुलिस ने राजेंद्र पाल पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
मूलरूप से सीतापुर के लहरपुर तंबौर (गांव हैथा) निवासी राम सिंह (35) विकासनगर सेक्टर तीन में किराये के मकान में पत्नी ज्ञानवती (32) व बेटे राज (13) व अंश (8) के साथ रहते थे। मंगलवार को वह परिवार समेत अलीगंज में बड़े मंगल पर मेला देखने गए थे। रात करीब दो बजे स्कूटी से लौट रहे थे। जैसे ही विकासनगर मोड़ से लेखराज की तरफ मुड़े वैसे ही टेढ़ी पुलिया की तरफ से आ रही बेकाबू रफ्तार एसयूवी ने स्कूटी में टक्कर मार दी। स्कूटी समेत पूरा परिवार एसयूवी में फंस गया। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। अनुमान के मुताबिक हादसे के वक्त एसयूवी 100-120 किमी. प्रति घंटा की थी।
भागने की कोशिश में चारों को मार डाला
स्कूटी में टक्कर मारने के बाद चालक ने एसयूवी को रोकने का प्रयास ही नहीं किया। इस बारे में जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कहा कि अगर वह गाड़ी रोकता तो राहगीर मार-पीट करते। इसलिए गाड़ी रोकने के बजाय दौड़ा दी। उसका कहना था कि समझ ही नहीं आया कि अचानक से क्या हो गया।
दफ्तर में पी थी शराब, भेजा गया जेल
पुलिस ने स्कॉर्पियो के नंबर से जानकारी जुटाई तो पता चला कि एसयूवी राजेंद्र पाल नाम के शख्स की है। जो तालकटोरा का रहने वाला है। कुछ ही घंटे में पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने ले आई थी। मेडिकल में शराब पीने की पुष्टि हुई। पूछताछ में राजेंद्र ने बताया कि वह प्रॉपर्टी का काम करता है। बख्शी का तालाब में उसका दफ्तर है। उसने वहीं पर शराब पी थी। उसके बाद वहां से निकला था। पुलिस ने दोपहर बाद उसको कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।
पूरा परिवार खत्म, पसरा मातम
राम सिंह पिछले 13 वर्षों से विकासनगर में रहकर एक टेंट हाउस में मैनेजर के तौर पर काम करते थे। हादसे की जानकारी पर उसके भाई अनिल, अमर व मनीष पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। साथ में अन्य परिजन भी थे। चार लाशों को देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। मातम पसर गया। जिस स्कूटी से राम सिंह गया था वह टेंट हाउस मालिक वीरू की थी।
चंद सेकंड तड़पते रहे, फिर सब खामोश हो गए
मैं भी बड़े मंगल पर मंदिर गया था। देर रात घर लौट रहा था। मेरे आगे राम सिंह स्कूटी से चल रहा था। जैसे वह तिराहा पार करने लगे वैसे ही रफ्तार में आई एसयूवी स्कूटी समेत चारों को उड़ा ले गई। पीछे-पीछे मैं भाग तो देखा कि इधर उधर लोग छिटक कर गिर रहे हैं। कुछ पल के लिए मैं सन्न रह गया। समझ नहीं आया कि हुआ क्या। फिर चंद पल बाद देखा कि चार लाशें पड़ी हुई हैं।
प्रत्यक्षदर्शी टेंट हाउस के मालिक के भाई विनय ने ये हादसे की आंखों देखी बयां की। विनय ने बताया कि एसयूवी चालक कब वहां से भाग गया पता ही नहीं चला। उन्होंने व अन्य राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। विनय के मुताबिक, जब चारों को एंबुलेंस में लादा जा रहा था, तभी ऐसा लग रहा था कि उनमें जान नहीं बची है। राम सिंह विनय के भाई के टेंट हाउस में 12 साल से नौकरी कर रहा था। विनय ने बताया कि राम सिंह बहुत ईमानदारी से नौकरी करता था। पूरे परिवार का खर्च उसी पर निर्भर रहा था। विनय बार-बार ये बात दोहरा रहा था कि यकीन ही नहीं हो रहा है कि एक झटके में पूरा परिवार खत्म हो गया।
कमजोर है आर्थिक स्थिति, अंतिम संस्कार के लिए जुटाया चंदा
हादसे की जानकारी पर राम सिंह के भाई व अन्य परिजन मोर्चरी पहुंचे। उन्होंने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। यहां तक कि परिचित से रुपये गाड़ी बुक कर लखनऊ आए थे। शव ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए भी पैसे नहीं थे। तब टेंट हाउस मालिक ने दो एंबुलेंस बुक की। इससे चारों शव ले जाए गए। अंतिम संस्कार चंदा लेकर किया गया। इसमें परिचित, रिश्तेदारों व अन्य गांव वालों ने मदद की।
खुशहाल था परिवार, एक साथ सो गए मौत की नींद
राम सिंह पड़ोसियों व परिचितों ने बताया कि राम सिंह का परिवार खुशहाली के साथ जीवन जी रहा था। दोनों बेटों को पढ़ाने पर बहुत जोर देते थे। क्या पता था कि एक साथ सभी मौत की नींद सो जाएंगे। जवान बेटे, बहू व पोताें की अर्थी का कंधा देने वाले बुजुर्ग दादा की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे।
150 पर स्पीडोमीटर का कांटा फंसा मिला
हादसे की वजह नशा और रफ्तार थी। प्रॉपर्टी डीलर राजेंद्र पाल बेतहाशा नशे में था। एसयूवी रफ्तार में दौड़ाता चला आ रहा था। फुटेज से इसकी पुष्टि हुई। पुलिस के मुताबिक हादसे के बाद एसयूवी के स्पीडोमीटर का कांटा 150 पर फंसा मिला है।
फुटेज में सामने आया कि स्कूटी के घिसटने से चिंगारी निकल रही थी। एक के बाद एक राम सिंह, फिर ज्ञानवती और उनका छोटा बेटा छिटक कर इधर उधर गिर गए। राज आखिर तक फंसा रहा। जब एसयूवी रुकी तो उसके नीचे स्कूटी थी और राज के सिर से खून ही खून निकल रहा था। जहां से टक्कर मारी थी और जहां पर एसयूवी रुकी वहां तक खून फैला था।
हादसा देख राहगीरों की रूह कांप गई। उन्होंने पुलिस व एंबुलेंस को सूचना देकर मदद करने की जद्दोजहद में जुट गए। चूंकि चारों का शरीर खून से सना था। कोई हरकत नहीं थी। शरीर भर में जख्म ही जख्म थे। लिहाजा किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि उनको उठाकर अस्पताल तक भिजवा सकें। जब पुलिसकर्मी पहुंचे तब वह किसी तरह से चारों को एंबुलेंस में डालकर अस्पताल पहुंचाया। सबसे अधिक बेबसी तब दिखी जब राज एसयूवी के नीचे दबा था और उसको निकालना मुश्किल हो रहा था। लोग उठाने का प्रयास कर रहे थे क्योंकि उनकी आंखों के सामने उसकी जान निकल रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे थे।
क्या और भी लोग थे एसयूवी में
पुलिस की अब तक की जांच के मुताबिक, एसयूवी में अकेला राजेंद्र था। हालांकि लोगों में चर्चा थी कि एसयूवी में तीन लोग सवार थे। अगर ये सच है तो सवाल है कि वो कौन लोग थे। पुलिस का कहना है कि फुटेज से स्पष्ट हो गया है कि गाड़ी राजेंद्र ही चला रहा था। उसके हाथों ही हादसा हुआ है। इसलिए उस पर कार्रवाई की गई है। अन्य किसी के होने की पुष्टि नहीं हुई है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।