विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   Lucknow: corruption in the name of transportation of medicines in AYUSH department

Lucknow : आयुष विभाग में दवा ढुलाई के नाम पर करोड़ों का खेल, व्यवस्था को लेकर जुदा है जिम्मेदारों की राय

चंद्रभान यादव, लखनऊ Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 08 Jun 2023 05:46 AM IST
सार

आयुष मिशन और दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी की मिलीभगत से माल ढुलाई की हर साल करीब एक करोड़ 96 लाख रुपया डकारा जा रहा है। यह रकम संबंधित अस्पतालों के प्रभारी चिकित्साधिकारी अपनी जेब से भर रहे हैं।

Lucknow: corruption in the name of transportation of medicines in AYUSH department
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : amar ujala

विस्तार
Follow Us

प्रदेश में आयुष विभाग में अस्पताल तक दवा पहुंचाने के नाम पर करोड़ों का खेल चल रहा है। आयुष मिशन और दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी की मिलीभगत से माल ढुलाई की हर साल करीब एक करोड़ 96 लाख रुपया डकारा जा रहा है। यह रकम संबंधित अस्पतालों के प्रभारी चिकित्साधिकारी अपनी जेब से भर रहे हैं।



प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक अस्पतालों में आयुष मिशन के जरिए दवाएं भेजी जाती हैं। प्रदेश में आयुर्वेदिक यूनानी के 2346 और होम्योपैथिक की 1585 डिस्पेंसरी व अस्पताल हैं। होम्योपैथिक में करीब 45 करोड़ और आयुर्वेद में करीब 65 करोड़ की हर साल दवा खरीदी जाती है। नियमानुसार दवा की आपूर्ति संबंधित अस्पताल तक होनी चाहिए, लेकिन यह दवा जिला मुख्यालय पर रखवा दी जाती है। 


फिर चिकित्साधिकारियों पर दवा ले जाने का दबाव बनाया जाता है। मजबूरी में चिकित्साधिकारी अपनी जेब से खर्च कर दवा अस्पताल तक ले जाते हैं। आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक अस्पतालों की संख्या मिलाकर 3931 हुआ। यदि हर अस्पताल पर दवा ले जाने का खर्च पांच हजार माना जाए तो हर साल करीब एक करोड़ 96 लाख 55 हजार रुपया खर्च होता है। पिछले चार साल से मिशन दवा आपूर्ति कर रहा है। ऐसे में चार साल में सात करोड़ 86 लाख 20 हजार रुपये का वारा न्यारा हो चुका है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि डिस्पेंसरी तक दवा पहुंचाने के बजाय जिला मुख्यालय पर दवाएं भेजकर मिशन के अधिकारी और दवा कंपनी इस रुपये की बचत करती हैं। ऐसे में इस रकम की बंदरबांट होने की आशंका है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
दवा खरीदते समय यह व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए कि दवा डिस्पेंसरी तक पहुंचे। मामला संज्ञान में आया है। इसे देखा जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया की जांच कराई जाएगी। यह देखा जाएगा कि कंपनी से खरीद संबंधी प्रपत्र पर दवा कहां तक पहुंचाने की बात हुई है। किसी तरह का खेल होगा तो जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- डा. दयाशंकर मिश्र दयालु, एफएसडीए एवं आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

मामला संज्ञान में आया है। पहले किस स्तर पर चूक हुई। यह देखा जा रहा है। डिस्पेंसरी तक दवा पहुंचाने की पुख्ता व्यवस्था बनाई जाएगी। यह भी देखा जा रहा है कि पूर्व के वर्षों में कंपनी ने अस्पतालों तक दवा क्यों नहीं पहुंचाया?
- महेंद्र वर्मा, निदेशक आयुष मिशन

हर डिस्पेंसरी तक दवा पहुचाने की जिम्मेदारी आयुष मिशन की है। इसके लिए आयुर्वेद निदेशक और आयुष मिशन निदेशक को भी पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आयुर्वेद की डिस्पेंसरी ग्रामीण इलाके में हैं। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर हैं।। ऐसे में दवा ले जाने के लिए चिकित्साधिकारियों को हर बार 15 सौ रुपया खर्च करना पड़ता है। तीन बार दवा ले गए तो 4500 से 5000 हजार रुपया जेब से चुकाना पड़ता है।
विज्ञापन
- डा. प्रवीण कुमार राय अध्यक्ष आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ 

राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों तक दवा पहुचाने की व्यवस्था नहीं है। इससे चिकित्साधिकारियों का काम बढ़ गया है। जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से अस्पताल तक दवा ले जाना में करीब पांच हजार रुपया खर्च होता है। यह खर्च किस मद में करना है, इसकी कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में चिकित्साधिकारियों को अपनी जेब से रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मामले की जानकारी होम्योपैथिक निदेशक को भी दी गई है।
- डा. आशीष वर्मा महासचिव प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें