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Lucknow: कॉमनवेल्थ और नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान, मेरठ के होनहारों पर धनवर्षा
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: Digvijay Singh
Updated Fri, 27 Jan 2023 12:28 AM IST
सार
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राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ी को खेल के साथ पढ़ना कतई नहीं छोड़ना चाहिए। सर्टिफिकेट के साथ आप खेल की दुनिया में नाम रोशन करते हैं। इससे अवसर जल्दी मिलता है। नियुक्ति के लिए डिग्री व खिलाड़ी का सर्टिफिकेट है तो आपका चयन पहले होगा।
कॉमनवेल्थ गेम्स-2022, नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान
- फोटो : अमर उजाला
यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बसंत पंचमी के पवित्र दिन पर खिलाड़ियों के सम्मान की खुशी है। खिलाड़ी जब खिलाड़ी बनता है तब उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक क्षमता के साथ सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन बढ़ता है। बिन अनुशासन मानव जीवन में गड़बड़ी होती है। परिणाम स्वरूप इज्जत पर भी आंच आती है। आमने-सामने जब खेलते हैं, तो कभी हार तो कभी जीत मिलती है। हार पर निराश न हों, आगे जीतने का प्रयास करना चाहिए और जब जीतते हैं तो आडंबर नहीं आना चाहिए। आम के पेड़ पर फल आता है तो वो झुक जाता है। नमर्ता, विवेक और मदद की भावना आती है। आप विदेशों के खिलाड़ियों से मिलते होंगे। वहां के संस्कार, परंपरा व खिलाड़ियों से दोस्ती होती है। वहां उन्हें कैसी मदद मिलती और हम कैसी मदद करते, यह भी चर्चा होती होगी।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अंतर्गत गुरुवार को राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 व 36वें नेशनल गेम्स-2022 में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के अलंकरण समारोह को संबोधित किया।
राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ी को खेल के साथ पढ़ना कतई नहीं छोड़ना चाहिए। सर्टिफिकेट के साथ आप खेल की दुनिया में नाम रोशन करते हैं। इससे अवसर जल्दी मिलता है। नियुक्ति के लिए डिग्री व खिलाड़ी का सर्टिफिकेट है तो आपका चयन पहले होगा। क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय में शिलान्यास के लिए जब पीएम आए थे तो खिलाड़ियों से चर्चा की थी कि आप जहां से आते है, वहां के प्राइमरी-सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को सिखाओ। आपका टैलेंट आसपास के लोगों तक पहुंचना चाहिए। उनको फायदा होगा, उससे अधिक आपको फायदा होगा। बच्चों के साथ खेलने पर आनंद आएगा और अभिभावक भी आपकी सराहना करते रहेंगे। एक खिलाड़ी-10 खिलाड़ी को तैयार करे, ऐसी सोच होनी चाहिए।
विश्वविद्यालय में थीं कबड्डी व खो-खो की चैंपियन
राज्यपाल ने बताया कि वे विश्वविद्यालय में कबड्डी व खो-खो की चैंपियन थीं। बीएससी-एमएससी के साथ मैदान में जाकर खेलते और प्रतिभाग करते थे, फिर घर जाकर रोटी भी पकाती थी। मां छोटी आयु से यह सिखाती है, लेकिन आपकी भी रूचि होनी चाहिए। पीएम ने परंपरागत खेल को सिखाने की भी बात कही थी। परंपरागत खेलों (खो-खो, कबड्डी, दौड़ आदि) में कोई खर्च नहीं है। 8-10 बच्चे मिलकर खेल लेते हैं। राजभवन में 40-45 बच्चियों को जूडो सिखवाया। वे स्कूलों में मेडल जीतकर आती हैं। अब लड़कों के लिए जूडो सिखाने की शुरुआत की। 2 वर्ष से हम परंपरागत खेल चला रहे हैं। लगभग 22-23 खेल हमारे बच्चे सीखते और प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। पहले जो बच्चे बीमार होते थे, अब नहीं होते। दवाई लेने की बजाय मैदान में जाकर खेलो। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खेल अनिवार्य होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ियों को आगे आने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार सुविधाएं दे रही हैं, लेकिन वहां से मिले, तब खेलूं। इससे बढ़िया है कि खेलते रहिए।
घर जाकर मां को मेडल पहना देना
खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बेटियां 240 किलो वजन उठा रही हैं। हम तो सब्जी लेने भी जाते हैं तो नौकर लेकर जाते हैं। आज हमारी यह स्थिति हो गई है। खेल से सब कुछ मिलता है। बैठने व बात करने से कुछ नहीं मिलता। सुबह 4 बजे उठना पड़ता है। कई बार मैंने देखा कि 4 बजे बच्चों के साथ मां भी जाती है। 2-3 घंटे व्यायाम के बाद मां बच्चे को घऱ लेकर आती हैं, फिर तैयार कर स्कूल भेजती हैं। मत भूलिए, मां ने आपकी सबसे अधिक मदद की है। आप मां-पिता को मत भूलिए। मैं विश्वविद्यालयों में भी कहती हूं कि अपना मेडल सबसे पहले मां को पहना देना और बोलना-मां तेरे प्रयास से यह मेडल प्राप्त हुआ है। कई खिलाड़ियों के पास सुविधा व खेल मैदान नही हैं। टीवी में देखा कि कई माता-पिता बताते हैं कि अपने खेत में शूटिंग रेंज बनाई और बेटे को सिखाया। उनका भाव होता है कि खेती नहीं होने से गेहूं नहीं आएगा तो चलेगा, बेटा-बेटी तैयार हो गए तो सब मिल गया। घऱ-परिवार-शासन से मिली सुविधाओं का सम्मान कीजिए। खुश रहिए, यदि मेडल नहीं मिला तो संकल्प लीजिए कि अगली बार आऊँगा, फिर मेडल लेकर जाऊंगा।
हमने न सिर्फ यूपी, बल्कि टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का सम्मान कियाः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत बड़ी ताकत के रूप में पीएम के पंच प्रण के अभियान के साथ जुड़ रहा है। आज बसंत पंचमी भी है। यह प्रकृति के सौंदर्य व सुंदरता को प्रदर्शित करने वाली प्राकृतिक परिवर्तन की महत्वपूर्ण कड़ी है। ज्ञान की अधिष्ठात्री मां शारदे के पूजन की भी तिथि है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में खेल और इससे जुड़ी विभिन्न विधाओं को बढ़ाने के लिए 8 वर्ष में अनेक कार्यक्रम हुए। पीएम मोदी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से खेलो इंडिया के कार्यक्रम बढ़े, उसके परिणाम दिख रहे हैं।
टोक्यो ओलंपिक में जिन खिलाड़ियों ने प्रतिभाग-पदक जीता, उन सभी खिलाड़ियों को इकाना स्टेडियम में अलग समारोह में सम्मानित किया था। यूपी देश का इकलौता राज्य था, जिसने न सिर्फ अपने राज्य, बल्कि मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया था। पैरालंपिक में भी यूपी के खिलाड़ियों व मेडल जीतने वाले देश के खिलाड़ियों को मेरठ में सम्मानित किया था। प्रदेश सरकार ने खेल में अनेक कार्यक्रमों को बढ़ाया। खेल व युवा कल्याण विभाग के जरिए अलग-अलग कार्यक्रम चल रहे हैं।
हर ग्राम पंचायत में उपलब्ध कराई जा रही स्पोट्रस किट
सीएम ने कहा कि हर गांव में कन्वर्जन के माध्यम से खेल मैदान के लिए जमीन आरक्षित करने, ओपन जिम निर्माण, ब्लाक स्तर पर मिनी स्टेडियम, जनपद स्तर पर स्टेडियमों की कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए ओलंपिक या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की दिशा में काम किए। दो खिलाड़ियों (ललित उपाध्याय व विजय यादव) को राजपत्रित अधिकारयों के रूप में नियुक्ति पत्र दिया। शीघ्र ही कई अन्य खिलाड़ियों को राज्य सरकार में नौकरी देने जा रहे हैं। मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय मेरठ में बनने जा रहा है। मेरठ के खेल उत्पादों को हमने ओडीओपी का हिस्सा बनाया। युवक व महिला मंगल दल के माध्यम से स्पोट्र्स किट हर ग्राम पंचायत में उपलब्ध कराई जा रही है।
सीएम ने कहा कि यूपी सरकार ओलंपिक में एकल गेम में स्वर्ण जीतने पर 6 करोड़, रजत पर 4 करोड़ व कांस्य जीतने पर दो करोड़ देती है। टीम गेम्स में स्वर्ण पदक पर तीन करोड़, रजत पदक पर दो करोड़ व कांस्य जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ की पुरस्कार राशि दे रहे हैं। एशियन गेम्स में स्वर्ण पर तीन करोड़, रजत पर डेढ़ करोड़ व कांस्य पर 75 लाख रुपये दे रहे। कॉमनवेल्थ व विश्व कप चैंपियनिशप में स्वर्ण पदक पर डेढ़ करोड़, रजत पर 75 लाख व कांस्य पर 50 लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप दे रहे। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 10-10 लाख तथा एशियन-कॉमनवेल्थ में 5-5 लाख रुपये देते हैं। बर्मिंघम (इंग्लैड) में हुए कॉमनवेल्थ में प्रदेश के 14 में से 4 रजत व 4 कांस्य पदक खिलाड़ियों ने जीता। 29 सितंबर-12 अक्टूबर 22 ( गुजरात में 36वें नेशनल गेम्स) में यूपी के खिलाड़ियों ने 18 खेलों में 20 स्वर्ण, 18 रजत व 18 कांस्य पदक जीतकर गौरव बढ़ाया।
इस अवसर पर खेल व युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद यादव, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल आदि मौजूद रहे।
कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान (14 ने प्रतिभाग किया, 8 ने पदक जीता)
मुजफ्फरनगर की दिव्या काकरान- कांस्य (कुश्ती)-50 लाख
सरिता रोमित सिंह-प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख
पूनम यादव प्रतिभाग (भारोत्तोलन)-5 लाख
पूर्णिमा पांडेय- प्रतिभाग (भारोत्तोलन) -5लाख
रोहित यादव- प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख
विश्वनाथ यादव- प्रतिभाग (ट्रायथलॉन) -5 लाख
गुजरात में हुए 36वें राष्ट्रीय खेल (29 सितंबर-12 अक्टूबर) पदक विजेताओं का भी सम्मान
स्वर्ण पदक-6 लाख
संचित भंडारी-स्केटिंग
प्राची सिंह-स्केटिंग
सरिता-हैमर थ्रो
सूरज यादव- वुशु-
पूर्णिमा पांडेय-भारोत्तोलन-(87 किग्रा. भारवर्ग से अधिक)
जोटीं कुमार-कुश्ती-
दिव्या-कुश्ती
युविका तोमर- शूटिंग
हुसैन खान-एथलेटिक्स
सिद्धार्थ वर्मा-जिम्नास्टिक
टीम इवेंट (बास्केटबाल- कुलदीप सिंह)
कबड्डी (टीम गेम्स) स्वर्ण पदक
रजत पुरस्कार (4 लाख रुपये)
पूनम यादव-भारोत्तोलन (76 किग्रा.)
सबीरा हैरिस-शूटिंग
किरन देवी-रोइंग
अरविंद पवार-साइक्लिंग
दीपिका वर्मा-डिस्कस थ्रो
आदित्य सिंह राणा-जिम्नास्टिक
रोहित यादव- जेवलिन थ्रो
सैयद बुरहान-साइक्लिंग
करुणा शर्मा-जूडो (78 किग्रा. भारवर्ग)
टीम गेम्स (जिम्नास्टिक)
कांस्य पदक
राशि शर्मा-बॉक्सिंग
रूपम- एथलेटिक्स
अभिषेक चौधरी-जूडो (81 किग्रा. भारवर्ग)
शिवानी-
कपिल नागर-वुशु-
वीनेश कुंडु-कुश्ती
यतेंद्र-कुश्ती
आदित्य- मलखंभ
राधा राजपूत-मलखंभ
कविता यादव-एथलेटिक्स
फ्रीडम यादव- कुश्ती
नीलम-कुश्ती
मो. .. जिम्नास्टिक
साक्षी चौधरी
टीम गेम्स इवेंट के प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।
मेरठ के खेल सितारों पर हुई धनवर्षा
बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस पर देशभर में देशभक्ति के साथ बसंत पंचमी का त्योहार मनाया गया। तो वहीं मेरठ के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर लखनऊ राजभवन में जमकर धनवर्षा हुई।
राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक विजेता और मेरठ की होने वाली बहू और मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी दिव्या काकरान को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 लाख का चेक सौंपा, जबकि गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर 6 लाख की राशि अलग से मिली। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली प्रियंका गोस्वामी, हॉकी में कांस्य पदक विजेता वंदना कटारिया, कांस्य पदक विजेता अन्नु रानी, सीमा अंतिल किसी कारणवश कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। हालांकि उनकी राशि उनके खातों में डाल दी जाएगी।
वहीं मेरठ की उड़नपरी रूपल चौधरी को कांस्य पदक पर 2 लाख रुपए, जूडो खिलाड़ी तरुणा शर्मा को रजत पदक जीतने पर 4 लाख, राशि शर्मा को मुक्केबाजी में कांस्य पदक पर 2 लाख रुपए, अरविंद कुमार ने साइकलिंग में 2 रजत पदक अपने नाम किए, उन्हे 4 लाख की राशि दी गई। इसके अलावा राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी तुषाल ने स्वर्ण पदक झटका है, वो कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए। मेरठ की धाविका पारुल चौधरी, गोला फेंक खिलाड़ी किरण बालियान किसी कारण वश कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सम्मान पाकर खिलाड़ियों उत्साहित दिखे। मेरठ के खिलाड़ियों मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है।
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