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Lucknow : ट्विटर पर भ्रामक सूचना देने वाले पर केस दर्ज, वरिष्ठ हार्डवेयर प्रबंधक व लेखा ने दर्ज कराई रिपोर्ट

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Sun, 26 Mar 2023 09:05 PM IST
सार

प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा के मुताबिक इस मामले में तहरीर के आधार पर जानबूझकर झूठी घोषणा करने, मानहानि, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

Lucknow: Case filed against someone who gave misleading information on Twitter
ट्विटर - फोटो : Social Media

विस्तार

उत्तर प्रदेश में आईसीटी और डिजिटल इनिशियेटिव प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग के तहत 18381 स्मार्ट क्लास का सेटअप किया जाना है। स्मार्ट क्लास की स्थापना व उसकी सामग्री की आपूर्ति के लिए शासन ने ग्लोबल टेंडर निकाला था। इसके बारे में ट्विटर हैंडलर ने भ्रामक सूचना प्रसारित की और टेंडर की प्रक्रिया पर सवाल खड़े होने लगे। वरिष्ठ हार्डवेयर प्रबंधक व लेखा ने हजरतगंज थाने में ट्विटर हैंडलर के खिलाफ केस दर्ज कराया है।



प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज अखिलेश मिश्रा के मुताबिक, राहुल पुरवार सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक व लेखा के पद पर तैनात है। राहुल के मुताबिक प्रदेश में यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लि. लखनऊ द्वारा भारत सरकार से अनुमोदित व बेसिक शिक्षा विभाग के निर्देश पर इंट्रीग्रेटेड स्कीम फार स्कूली शिक्षा के तहत आईसीटी और डिजीटल इनिशियेटिव प्रोग्राम फार मानिटरिंग के तहत 18381 स्मार्ट क्लास सेटअप किया जाना है। इसके स्थापना व आपूर्ति के संबंध में 6 फरवरी को जेम पोर्टल पर एक ग्लोबल टेंडर प्रकाशित किया। निविदा की गाइड लाइन के तहत मूल उपकरण निर्माताओं व बिडर को चयन किया जाना है। इसकी अंतिम तारीख 30 मार्च है। 


राहुल पुरवार के मुताबिक लखनऊ के मनीष पांडेय ने अपने ट्विटर हैंडल @manishpandeyLKW से 22 मार्च को भ्रामक सूचना पोस्ट की। जिससे टेंडर प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा के मुताबिक इस मामले में तहरीर के आधार पर जानबूझकर झूठी घोषणा करने, मानहानि, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

यह थी पोस्ट
बेसिक शिक्षा वाले 500 करोड़ का टेंडर करवा रहे हैं। इस पैसे से 18000 स्मार्ट क्लासेज के लिए इंटरक्टिव पैनल खरीदा जाना है। सीएम योगी और पीएम मोदी दोनों मेक इन इंडिया और मेक इन यूपी की बात करते हैं, लेकिन विभाग से टेंडर ग्लोबल करवा रहा हैं। बिड से टर्न ओवर भी नहीं मांगा गया है। सोचिए अगर बिना टर्न ओवर वाली कोई कंपनी बिड क्वालीफाई करने के बाद काम पूरा नहीं करती है व बीच में ही फरार हो जाये तो सीएम योगी का इतना महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अधर में लटक सकता है। सुना हे कोई एक खास कंपनी है उसी के लिए पूरा मैदान तैया किया जा रहा है। खैर अफसरों के खेल निराले होते हैं। इसमें जो कंपनी पैनल बनाती है उसे 5000 पीस सप्लाई करने का अनुभव होना चाहिए और बिडर है उसे 800 पीस की आपूर्ति का अनुभव मांगा गया है। यही अपने आप में अजीब लग रहा है। 500 करोड़ का टर्न ओवर तो कंपनी का मांग ही सकते हैं।

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