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लखनऊ विश्वविद्यालय: राज्यपाल से गुहार, 90 दिन पढ़ाए बिना न हो परीक्षा, पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग

माई सिटी रिपोर्टर, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Sat, 03 Jun 2023 02:36 PM IST
सार

लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन छात्रों के समर्थन में आ गया है और मामले में राज्यपाल को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है। लविवि ने 20 जून से सम सेमेस्टर परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम जारी किया है।

LUCCTA requests to UP governor in favour of students.
- फोटो : amar ujala

विस्तार
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लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन (लुआक्टा) भी सेमेस्टर में 90 दिन कक्षाओं के संचालन के बिना परीक्षा कराए जाने के विरोध में उतर आया है। जल्द परीक्षा के विरोध में छात्र पहले से ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक संघ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर निर्धारित अवधि की पढ़ाई कराए बिना परीक्षा कराने की लविवि की घोषणा में हस्तक्षेप करने की मांग की है।



लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि लविवि प्रशासन 20 जून से स्नातक स्तर के छठे सेमेस्टर की परीक्षा कराना चाहता है। विवि प्रशासन की लापरवाही की वजह से पिछले सेमेस्टर में 9 माह का समय कक्षाओं एवं परीक्षाओं के संचालन में लगा दिया गया, जिसकी सजा विवि छात्रों को देना चाहता है। विषम सेमेस्टर की परीक्षा के बाद कक्षाओं का संचालन 12 अप्रैल से शुरू हुआ। अभी तक सभी विषयों का परीक्षा परिणाम भी घोषित नहीं हुआ है।


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अपनी गलती को छुपाने के लिए लविवि अब महज 71 दिन (जिसमें रविवार एवं अन्य अवकाश दिवस भी शामिल हैं) की कक्षाओं का संचालन करके परीक्षा कराने जा रहा है। विद्यार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सम सेमेस्टर की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर होगी और इसमें पूरे पाठ्यक्रम से सवाल पूछे जाएंगे। समुचित तैयारी के अभाव में लविवि के छात्रों को अन्य विश्वविद्यालय के छात्रों से प्रतिस्पर्धा में बने रहने में कठिनाई होगी।

नई शिक्षा नीति का हवाला
लुआक्टा महामंत्री डॉ. अंशू केडिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 एवं यूजीसी अधिनियम में 90 दिन का शिक्षण कार्य तथा प्रवेश, परीक्षा एवं परीक्षा संबंधी तैयारी के लिए विवि में प्रति सेमेस्टर 6 सप्ताह एवं महाविद्यालय में 5 सप्ताह का समय दिया जाना आवश्यक है। इसलिए छात्रों के भविष्य और नई शिक्षा नीति के नियमों का पालन कराने के लिए समय से पहले परीक्षा कराना सही नहीं है।
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प्राविधान के तहत पढ़ाकर ही होगी परीक्षा
लखनऊ विवि के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि पहले से सत्र पिछड़ा हुआ है। सत्र को पटरी पर लाने के लिए परीक्षाएं पहले आयोजित कराई जा रही हैं। छात्रों का कोर्स पूरा कराने के लिए शिक्षक अतिरिक्त कक्षाएं ले रहे हैं। यूजीसी के आर्डिनेंस में जितनी कक्षाओं का प्राविधान है, उन्हें पढ़ाकर ही परीक्षाएं कराई जाएंगी।

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