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उत्तर प्रदेश में होम्योपैथी विभाग को पटरी पर लाने के लिए अधिकारियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। जांच में दोषी पाए जाने पर गाजियाबाद की जिला होम्योपैथिक अधिकारी (डीएचओ) ऊषा कृष्ण को निलंबित कर दिया गया है, जबकि चार के खिलाफ जांच चल रही है।
दरअसल, गाजियाबाद की डीएचओ ऊषा कृष्ण को उच्चाधिकारियों द्वारा स्वीकृत सीसीएल के बाद भी कर्मचारी को रिलीव नहीं करने, रुपये लेकर ड्रग लाइसेंस देने, उच्चाधिकारियों पर बिना सुबूत आरोप लगाने सहित कई तरह के आरोप थे। इसी तरह कर्मचारी से रुपये मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद अयोध्या के डीएचओ घनश्याम चौधरी और कर्मचारी के बिना आवेदन किए ही उसका टूर बिल बनाने के मामले में गोंडा की डीएचओ उर्मिला के खिलाफ जांच चल रही है।
ललितपुर और कुशीनगर के डीएचओ पर भी कई गंभीर आरोप हैं। इनके खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। इस संबंध में होम्योपैथिक निदेशक प्रो अरविंद कुमार वर्मा का कहना है कि शिकायतों की वरीयता के आधार पर जांच कराई जा रही है। जिन मामलों में जांच पूरी हो गई है, उसे शासन को भेज दिया गया है। विभाग में किसी तरह की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।