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UP: मुफ्त की बिजली तो कुत्ते भी ले रहे एसी का मजा... अभियंताओं और कर्मचारियों के यहां विभागीय सर्वे में खुलासा

चंद्रभान यादव, अमर उजाला, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 30 May 2023 09:11 AM IST
सार

उत्तर प्रदेश में  बिजली अभियंताओं और कर्मियों के यहां हुए विभागीय सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बिजली इंजीनियर दो एसी का बिल देकर आठ से 10 एसी चला रहे थे। कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी मुफ्त में एसी चलाते हैं। नियामक आयोग ने नवंबर तक कनेक्शन, लोड और भुगतान का ब्योरा मांगा है। 

Electrical engineers were running 8 to 10 ACs by paying two AC bills reveal in departmental survey
कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी मुफ्त में एसी - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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बिजली विभाग के कई इंजीनियर कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी मुफ्त में एसी चलाते हैं। उनकी यह कारगुजारी अब पूरे विभाग के लिए भारी पड़ने जा रही है। इसका खुलासा होने के बाद नियामक आयोग ने नवंबर तक कनेक्शन संख्या, लोड और भुगतान का ब्योरा मांगा है। 


इस आदेश के बाद पावर कॉर्पोरेशन विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स के घरों में मीटर लगाने को लेकर सक्रिय हो गया है। ऊर्जा विभाग में कार्यरत करीब एक लाख कर्मचारियों, इंजीनियरों और पेंशनर्स के यहां बिजली मीटर नहीं है। उनके वेतन से न्यूनतम बिजली बिल की कटौती होती है। इसमें एक एसी का करीब 600 रुपये प्रतिमाह जमा होता है। 


ज्यादातर इंजीनियरों और कर्मचारियों ने सिर्फ एक से दो एसी लगाने की घोषणा की है। जबकि उनके घरों में 8 से 10 एसी लगे हुए हैं। विभागीय सर्वे में भी इसकी पुष्टि हुई। सर्वे में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में कई इंजीनियरों के घरों में 12 से 15 एसी लगे होने का पता चला। कुछ के घरों में व्यवसायिक गतिविधियां चलती मिलीं लेकिन कनेक्शन नहीं मिला।

सूत्रों का कहना है कि नियामक आयोग में टैरिफ पर सार्वजनिक सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके पड़ोसी बिजली इंजीनियर ने कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी एसी लगा रखी है। जबकि उनके यहां मीटर नहीं लगा है। कुछ ने इंजीनियरों के घर में मनमानी तरीके से एसी लगे होने की तस्वीर भी सौंपी। 
 

यह भी शिकायत की कि अधिक एसी के आउटपुट विंडो उनके घर की ओर लगा रखा है, जिसका खामियाजा वे भुगतते हैं। इसी इनपुट के बाद नियामक आयोग ने बिजली मीटर लगाने पर सख्ती बरती।

आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन को निर्देश दिया है कि अगली टैरिफ की सुनवाई तक विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों व पेंशनर्स के यहां लगाए गए मीटर की संख्या, कुल भार, राजस्व की स्थिति आदि का विस्तृत ब्योरा दिया जाए। इस आदेश के बाद पावर कॉर्पोरेशन मीटर लगाने के लिए विवश हो गया है।

लेजरीकरण करने के निर्देश
बिजली विभाग में मनमानी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि तमाम इंजीनियरों व कर्मचारियों का बिजली बिल के संबंध में लेजरीकरण ही नहीं किया गया है। ऐसे में 80 फीसदी लोग सिर्फ एक एसी का बिल दे रहे हैं। नियामक आयोग के निर्देश के बाद सोमवार को सभी विद्युत वितरण निगमों के मुख्य अभियंताओं को 31 मई तक लेजरीकरण पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 

इससे कितना राजस्व आ रहा है, इसकी पुख्ता जानकारी मिल जाएगी। मध्यांचल में अभी तक सिर्फ 15,049 कार्मिकों का लेजरीकरण किया गया है और 2,726 बाकी हैं। इसी तरह पूर्वांचल में करीब साढ़े तीन हजार, पश्चिमांचल में 3,200 और दक्षिणांचल में 2,500 का लेजरीकरण नहीं हुआ है।

कोई बिजली का दुरुपयोग अथवा चोरी न करने पाए, इसके लिए जांच अभियान तेज किया गया है। नियामक आयोग की ओर से टैरिफ में किए गए प्रावधानों को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। -एम देवराज, अध्यक्ष पावर कॉर्पोरेशन
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