विस्तार
शासन व जिला प्रशासन की तमाम कोशिश के बावजूद लेखपाल सुधरने को तैयार नहीं है। गौरीगंज तहसील के असुरा गांव में तैनात लेखपाल ने एक ग्रामीण को मकान बंजर भूमि पर निर्मित होने पर गिराने की धमकी देते हुए रिश्वत की मांग की थी। लेखपाल की प्रताड़ना से परेशान पीड़ित ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की। शिकायत पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार से जांच कराई तो मामला सही मिला। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया।
असुरा गांव निवासी सत्यनारायण परिवार समेत शनिवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के पास पहुंचे थे और राजस्व लेखपाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़ित का कहना था कि लेखपाल उसका पैतृक आवास बंजर भूमि पर होने की बात कहते हुए मकान गिराने की धमकी आए दिन देते रहते हैं।
मकान गिराने से बचाने के एवज में लेखपाल राकेश कुमार मिश्र ने 15 हजार रुपये की डिमांड की है। पीड़ित ने लगातार लेखपाल की प्रताड़ना से परेशान होकर एक हजार रुपये रिश्वत के तौर पर दे भी दिया है। संपूर्ण धनराशि न देने पर लेखपाल मकान गिराने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित सत्यनारायण की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच तहसीलदार दिग्विजय सिंह को सौपी।
जांच में तहसीलदार पीड़ित की शिकायत को सही बताते हुए अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौपी। रिपोर्ट मिलने के बाद के जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम राकेश कुमार ने लेखपाल को निलंबित कर दिया। गौरीगंज तहसील में पिछले तीन माह में चार लेखपाल निलंबित हो चुके है। इसके पहले हरदो में तैनात लेखपाल सुकरू राम के साथ सकरावा व जामो में तैनात एक-एक लेखपाल को निलंबित किया जा चुका है।