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अलर्ट: छह गुना अधिक संक्रामक है कोरोना का नया वैरिएंट, ओमिक्रॉन के प्रति विशेषज्ञों ने किया सावधान
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 29 Nov 2021 11:51 PM IST
सार
विशेषज्ञों के अनुसार शोध के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि नये वैरिएंट पर पहले से मौजूद वैक्सीन का असर होगा या नहीं। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र सक्सेना के अनुसार ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमितों के शरीर में सेल के साथ अटैचमेंट ज्यादा देखा गया है।
केजीएमयू
- फोटो : amar ujala
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कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पहले के मुकाबले छह गुना ज्यादा संक्रामक है, इसलिए हर स्तर पर कहीं अधिक सावधानी बरतनी होगी। हालांकि इसके प्रसार की तीव्रता पर अभी भी मंथन हो रहा है। साथ ही यह कितना खतरनाक है, इसका अध्ययन भी जारी है। नया वैरिएंट विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार शोध के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि नये वैरिएंट पर पहले से मौजूद वैक्सीन का असर होगा या नहीं। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र सक्सेना के अनुसार ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमितों के शरीर में सेल के साथ अटैचमेंट ज्यादा देखा गया है।
यही वजह है कि यह ज्यादा समय तक मरीज के शरीर में रहता है तथा ज्यादा संक्रामक भी होता है। हालांकि ज्यादा संक्रामक होना ज्यादा तीव्र या खतरनाक होने की निशानी नहीं है। जैसा कि पहली लहर के दौरान वायरस का संक्रमण स्तर ज्यादा था, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं था।
वहीं दूसरी लहर के दौरान इसके विपरीत स्थिति देखने को मिली। इसका संक्रमण स्तर भले कम था, लेकिन यह कहीं अधिक खतरनाक था। नया वैरिएंट छह गुना ज्यादा ताकतवर है, लेकिन यह कितना खतरनाक है, इसके बारे में अभी स्थिति साफ नहीं है।
प्रो. सक्सेना के अनुसार वायरस ने कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति के शरीर के भीतर अपने स्वरूप में बदलाव किया है। अनुमान है कि मई 2020 में वायरस म्यूटेट हुआ और इसके बाद उसी से वह अन्य में फैला। नया स्वरूप पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है, इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
वैक्सीन के बेअसर होने का कोई प्रमाण नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार नये वैरिएंट के बारे में अभी भी बहुत सीमित जानकारी है। इसपर वैक्सीन बेअसर है या नहीं, यह शोध का विषय है। नये वैरिएंट ने कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्ति में म्यूटेट किया है, इसलिए उनको ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
एचआईवी-एड्स से पीड़ित व्यक्ति में मिला नया वैरिएंट
आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत के अनुसार कोविड-19 का नया वैरिएंट साउथ अफ्रीका में एक एचआईवी-एड्स पीड़ित व्यक्ति में मिला था। जाहिर है कि कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में इसका असर ज्यादा है। हालांकि टीके की दोनों डोज लगवाकर और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर इससे बचा जा सकता है।
सावधानी रखें :
नये वैरिएंट से घबराने के बजाय सावधानी अधिक रखनी होगी। पहले से हाथ धोने, मास्क पहनने, छह फीट की दूरी रखने तथा टीकाकरण कराने के लिए कहा गया है। इनका पालन करते रहें, तो हर प्रकार के संक्रमण से दूर रहेंगे। - डॉ. शैलेंद्र सक्सेना, प्रोफेसर, सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च, केजीएमयू
विस्तार
कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पहले के मुकाबले छह गुना ज्यादा संक्रामक है, इसलिए हर स्तर पर कहीं अधिक सावधानी बरतनी होगी। हालांकि इसके प्रसार की तीव्रता पर अभी भी मंथन हो रहा है। साथ ही यह कितना खतरनाक है, इसका अध्ययन भी जारी है। नया वैरिएंट विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
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विशेषज्ञों के अनुसार शोध के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि नये वैरिएंट पर पहले से मौजूद वैक्सीन का असर होगा या नहीं। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र सक्सेना के अनुसार ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमितों के शरीर में सेल के साथ अटैचमेंट ज्यादा देखा गया है।
यही वजह है कि यह ज्यादा समय तक मरीज के शरीर में रहता है तथा ज्यादा संक्रामक भी होता है। हालांकि ज्यादा संक्रामक होना ज्यादा तीव्र या खतरनाक होने की निशानी नहीं है। जैसा कि पहली लहर के दौरान वायरस का संक्रमण स्तर ज्यादा था, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं था।
वहीं दूसरी लहर के दौरान इसके विपरीत स्थिति देखने को मिली। इसका संक्रमण स्तर भले कम था, लेकिन यह कहीं अधिक खतरनाक था। नया वैरिएंट छह गुना ज्यादा ताकतवर है, लेकिन यह कितना खतरनाक है, इसके बारे में अभी स्थिति साफ नहीं है।
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति से हुआ म्यूटेट
प्रो. सक्सेना के अनुसार वायरस ने कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति के शरीर के भीतर अपने स्वरूप में बदलाव किया है। अनुमान है कि मई 2020 में वायरस म्यूटेट हुआ और इसके बाद उसी से वह अन्य में फैला। नया स्वरूप पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है, इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
वैक्सीन के बेअसर होने का कोई प्रमाण नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार नये वैरिएंट के बारे में अभी भी बहुत सीमित जानकारी है। इसपर वैक्सीन बेअसर है या नहीं, यह शोध का विषय है। नये वैरिएंट ने कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्ति में म्यूटेट किया है, इसलिए उनको ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
एचआईवी-एड्स से पीड़ित व्यक्ति में मिला नया वैरिएंट
आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत के अनुसार कोविड-19 का नया वैरिएंट साउथ अफ्रीका में एक एचआईवी-एड्स पीड़ित व्यक्ति में मिला था। जाहिर है कि कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में इसका असर ज्यादा है। हालांकि टीके की दोनों डोज लगवाकर और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर इससे बचा जा सकता है।
सावधानी रखें :
नये वैरिएंट से घबराने के बजाय सावधानी अधिक रखनी होगी। पहले से हाथ धोने, मास्क पहनने, छह फीट की दूरी रखने तथा टीकाकरण कराने के लिए कहा गया है। इनका पालन करते रहें, तो हर प्रकार के संक्रमण से दूर रहेंगे। - डॉ. शैलेंद्र सक्सेना, प्रोफेसर, सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च, केजीएमयू
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