मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए सपा सरकार पर निशाना साधा और अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से प्रदेश की छवि बदली है। भाजपा सरकार में प्रदेश नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, 'नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद-सितारों की बात करते हैं... हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, सभा में सुधारों की बात करते हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) ने कल एक घंटे का भाषण दिया। ऐसा लग रहा था कि ये चुनावी भाषण है। जनता ने भाजपा का काम देखकर ही हमें फिर से जिताया है। 2022 में भाजपा को मिला जनादेश उस सम्मान का प्रतीक है जो जनता ने हमें दिया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाजपा सरकार के कारण आज यूपी दंगामुक्त हो चुका है। प्रदेश में कानून का राज है। यूपी चुनाव के दौरान हिंसा नहीं हुई पर इसके पहले क्या होता था सब जानते हैं। अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार न होती तो चुनाव में हिंसा हो जाती। प्रदेश में एक लाख 54 हजार पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया। पहले ऐसा नहीं हो पाता था। योग्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाता था। पुलिस सुधार हुआ है। यह सब भाजपा सरकार के कारण ही है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भाजपा सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। जबकि 2004 से 2017 के बीच प्रदेश में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की। हमारी सरकार में पांच लाख सरकारी नौकरियां दी गईं। एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ा गया।
मुख्यमंत्री योगी ने यूपी चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान में कहा जा रहा था कि भाजपा हार जाएगी पर भाजपा ने पहले चरण की 58 सीटों में से 46 पर जीत दर्ज की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि किसानों को पता है कि उनका असली हितैषी कौन है? 2017 के पहले केंद्र सरकार राज्य को 20 कृषि विज्ञान केंद्र देना चाहता था पर यूपी में सरकारें नहीं लेती थीं। 2017 के बाद प्रदेश को 20 कृषि विज्ञान केंद्र मिले हैं। जिसमें किसानों को प्रशिक्षण, खाद और अच्छे बीज देने की व्यवस्था की गई है।
ममता बनर्जी को भी घेरा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि विधानसभा चुनाव में सपा का समर्थन करने एक दीदी भी आई थीं। उनके यहां विस चुनाव में व्यापक हिंसा हुई। 242 में से 142 सीटों पर हिंसक घटनाएं घटी और 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 लोगों को हत्या हुई। 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। यह सब उस प्रदेश में हुआ जहां की आबादी यूपी की आबादी की आधी है। जबकि यूपी में न चुनाव के पहले और न ही बाद में एक भी हिंसा नहीं हुई। यह भाजपा सरकार की वजह से संभव हुआ।
पांच साल की उपलब्धिया भी गिनाई
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का ब्योरा भी बताया। उन्होंने अवस्थापना विकास, कानून-व्यवस्था, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा समेत सभी सेक्टरों में कराये गए एक-एक कार्यों का जिक्र करने के साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों में किए गए 5 लाख से अधिक भर्ती की भी जानकारी दी। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के सवाल का देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में 1.50 लाख पद सिर्फ पुलिस में ही रिक्त थे और हमने पांच साल में 1.54 लाख पदों पर भर्ती की। साथ ही इनके प्रशिक्षण की क्षमता में वृद्धि हुई है।
भ्रष्टाचार पर भी आईना दिखाया
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भाषण तो अच्छा दिया। पर अपनी सरकार के बारे में कुछ बता दिया होता तो और अच्छा होता। लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले, सहकारिता भर्ती, जल निगम भर्ती, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, खाद्यान्न और खनन घोटाले की भी चर्चा कर लेते तो जनता भी जान जाती। खनन घोटाले में तो एक मंत्री अभी तक जेल में हैं। उन्होंने कहा कि ‘मीठा-मीठा गप, कड़वा-कड़वा थू’ की नीति पर चलना तो विचित्र बात है।
बृजेश के कथन को सही ठहराया
कोरोना काल में तत्कालीन कानून मंत्री बृजेश पाठक द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था पर शर्म आने से संबंधित टिप्पड़ी को सही करार देते हुए मुख्यमंत्री यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने सपा सरकार द्वारा विरासत में दी गई स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पड़ी की थी। 2017 में हमें यूपी की स्थिति बदहाल थी। इसी लिए हमारे डिप्टी सीएम ने कहा था कि हमको शर्म आती है।
वरिष्ठता के सम्मान की नसीहत
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सपा द्वारा लगाए गए एक नारे ‘फर्रूखाबादी चूसे गन्ना, एक्सप्रेस वे ले गए खन्ना’ का जिक्र करते हुए कहा कि हमें ऐसा नारा लगाने से बचना चाहिए। वरिष्ठता का सम्मान करना चाहिए। यह कहते हुए मुख्यमंत्री ने सामने बैठे शिवपाल की तरफ देखकर हंस दिये तो पूरा सदन ठहाकों से गूंजा उठा।
चूहा बनने से अच्छा राष्ट्रवादी बनना
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को हमारे राष्ट्रवादी होने पर शिकायत है। हम तो डंके की चोट पर कहते हैं कि हां हम राष्ट्रवादी हैं। चूहा बनने से अच्छा है कि राष्ट्रवादी बन कर रहें। क्योंकि चूहा तो जिस घर में रहता है, उसी घर का दीवाल खोदकर घर को गिराने में लगा रहता है।
शिवपाल की तारीफ का भी दिया जवाब
अपने करीब दो घंटे के भाषण में मुख्यमंत्री ने शिवपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा सपा नेता समाजवाद भूल गए हैं। जब भी समाजवाद की चर्चा होती है तो लोहिया व जयप्रकाश जी की चर्चा होती थी, लेकिन अब नहीं होती। बस एक शिवपाल जी हैं, जिनकी लेखनी कभी-कभी पढ़ने को मिल जाती है। इससे एक दिन पहले शिवपाल ने भी सदन में मुख्यमंत्री की तारीफ की थी।
पास-पास होकर भी दूर हैं आप
विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री भी तंज कसते हुए कहा कि हम पास-पास भी हैं और साथ-साथ भी हैं, लेकिन आप तो पास-पास होते हुए भी साथ-साथ नही हैं और यही आपकी सबसे बड़ी विफलता है। यह कहते मुख्यमंत्री ने शिवपाल की ओर देखकर मुस्कराये तो सदन में खूब ठहाके लगे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर 167 लोगों ने की चर्चा
इस मौके पर मुख्यमंत्र ने बताया कि राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर 117 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। जिसमें 67 सदस्य भाजपा के हैं और 50 सदस्य विपक्ष के हैं। अधिक से अधिक सदस्यों को मौका दिया गया। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने विधानसभा ध्यक्ष से अनुरोध किया सदन की कार्यवाही की कार्यवृत्ति अंग्रेजी व हिंदी में संकलित करवाकर इसकी प्रति राज्यपाल के साथ ही संसद के पुस्तकालय में भिजवाया जाए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए सपा सरकार पर निशाना साधा और अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से प्रदेश की छवि बदली है। भाजपा सरकार में प्रदेश नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, 'नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद-सितारों की बात करते हैं... हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, सभा में सुधारों की बात करते हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) ने कल एक घंटे का भाषण दिया। ऐसा लग रहा था कि ये चुनावी भाषण है। जनता ने भाजपा का काम देखकर ही हमें फिर से जिताया है। 2022 में भाजपा को मिला जनादेश उस सम्मान का प्रतीक है जो जनता ने हमें दिया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाजपा सरकार के कारण आज यूपी दंगामुक्त हो चुका है। प्रदेश में कानून का राज है। यूपी चुनाव के दौरान हिंसा नहीं हुई पर इसके पहले क्या होता था सब जानते हैं। अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार न होती तो चुनाव में हिंसा हो जाती। प्रदेश में एक लाख 54 हजार पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया। पहले ऐसा नहीं हो पाता था। योग्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाता था। पुलिस सुधार हुआ है। यह सब भाजपा सरकार के कारण ही है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भाजपा सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। जबकि 2004 से 2017 के बीच प्रदेश में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की। हमारी सरकार में पांच लाख सरकारी नौकरियां दी गईं। एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ा गया।
मुख्यमंत्री योगी ने यूपी चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान में कहा जा रहा था कि भाजपा हार जाएगी पर भाजपा ने पहले चरण की 58 सीटों में से 46 पर जीत दर्ज की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि किसानों को पता है कि उनका असली हितैषी कौन है? 2017 के पहले केंद्र सरकार राज्य को 20 कृषि विज्ञान केंद्र देना चाहता था पर यूपी में सरकारें नहीं लेती थीं। 2017 के बाद प्रदेश को 20 कृषि विज्ञान केंद्र मिले हैं। जिसमें किसानों को प्रशिक्षण, खाद और अच्छे बीज देने की व्यवस्था की गई है।
ममता बनर्जी को भी घेरा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि विधानसभा चुनाव में सपा का समर्थन करने एक दीदी भी आई थीं। उनके यहां विस चुनाव में व्यापक हिंसा हुई। 242 में से 142 सीटों पर हिंसक घटनाएं घटी और 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 लोगों को हत्या हुई। 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। यह सब उस प्रदेश में हुआ जहां की आबादी यूपी की आबादी की आधी है। जबकि यूपी में न चुनाव के पहले और न ही बाद में एक भी हिंसा नहीं हुई। यह भाजपा सरकार की वजह से संभव हुआ।
पांच साल की उपलब्धिया भी गिनाई
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का ब्योरा भी बताया। उन्होंने अवस्थापना विकास, कानून-व्यवस्था, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा समेत सभी सेक्टरों में कराये गए एक-एक कार्यों का जिक्र करने के साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों में किए गए 5 लाख से अधिक भर्ती की भी जानकारी दी। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के सवाल का देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में 1.50 लाख पद सिर्फ पुलिस में ही रिक्त थे और हमने पांच साल में 1.54 लाख पदों पर भर्ती की। साथ ही इनके प्रशिक्षण की क्षमता में वृद्धि हुई है।
भ्रष्टाचार पर भी आईना दिखाया
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भाषण तो अच्छा दिया। पर अपनी सरकार के बारे में कुछ बता दिया होता तो और अच्छा होता। लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले, सहकारिता भर्ती, जल निगम भर्ती, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, खाद्यान्न और खनन घोटाले की भी चर्चा कर लेते तो जनता भी जान जाती। खनन घोटाले में तो एक मंत्री अभी तक जेल में हैं। उन्होंने कहा कि ‘मीठा-मीठा गप, कड़वा-कड़वा थू’ की नीति पर चलना तो विचित्र बात है।
बृजेश के कथन को सही ठहराया
कोरोना काल में तत्कालीन कानून मंत्री बृजेश पाठक द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था पर शर्म आने से संबंधित टिप्पड़ी को सही करार देते हुए मुख्यमंत्री यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने सपा सरकार द्वारा विरासत में दी गई स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पड़ी की थी। 2017 में हमें यूपी की स्थिति बदहाल थी। इसी लिए हमारे डिप्टी सीएम ने कहा था कि हमको शर्म आती है।
वरिष्ठता के सम्मान की नसीहत
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सपा द्वारा लगाए गए एक नारे ‘फर्रूखाबादी चूसे गन्ना, एक्सप्रेस वे ले गए खन्ना’ का जिक्र करते हुए कहा कि हमें ऐसा नारा लगाने से बचना चाहिए। वरिष्ठता का सम्मान करना चाहिए। यह कहते हुए मुख्यमंत्री ने सामने बैठे शिवपाल की तरफ देखकर हंस दिये तो पूरा सदन ठहाकों से गूंजा उठा।
चूहा बनने से अच्छा राष्ट्रवादी बनना
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को हमारे राष्ट्रवादी होने पर शिकायत है। हम तो डंके की चोट पर कहते हैं कि हां हम राष्ट्रवादी हैं। चूहा बनने से अच्छा है कि राष्ट्रवादी बन कर रहें। क्योंकि चूहा तो जिस घर में रहता है, उसी घर का दीवाल खोदकर घर को गिराने में लगा रहता है।
शिवपाल की तारीफ का भी दिया जवाब
अपने करीब दो घंटे के भाषण में मुख्यमंत्री ने शिवपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा सपा नेता समाजवाद भूल गए हैं। जब भी समाजवाद की चर्चा होती है तो लोहिया व जयप्रकाश जी की चर्चा होती थी, लेकिन अब नहीं होती। बस एक शिवपाल जी हैं, जिनकी लेखनी कभी-कभी पढ़ने को मिल जाती है। इससे एक दिन पहले शिवपाल ने भी सदन में मुख्यमंत्री की तारीफ की थी।
पास-पास होकर भी दूर हैं आप
विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री भी तंज कसते हुए कहा कि हम पास-पास भी हैं और साथ-साथ भी हैं, लेकिन आप तो पास-पास होते हुए भी साथ-साथ नही हैं और यही आपकी सबसे बड़ी विफलता है। यह कहते मुख्यमंत्री ने शिवपाल की ओर देखकर मुस्कराये तो सदन में खूब ठहाके लगे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर 167 लोगों ने की चर्चा
इस मौके पर मुख्यमंत्र ने बताया कि राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर 117 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। जिसमें 67 सदस्य भाजपा के हैं और 50 सदस्य विपक्ष के हैं। अधिक से अधिक सदस्यों को मौका दिया गया। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने विधानसभा ध्यक्ष से अनुरोध किया सदन की कार्यवाही की कार्यवृत्ति अंग्रेजी व हिंदी में संकलित करवाकर इसकी प्रति राज्यपाल के साथ ही संसद के पुस्तकालय में भिजवाया जाए।