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Scholarship Scam: 100 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में 18 पर केस दर्ज, ईडी की कार्रवाई के आधार पर हुई रिपोर्ट

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Sat, 01 Apr 2023 06:00 AM IST
सार

100 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में 18 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। 10 शैक्षणिक संस्थानों पर पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति वितरण में घोटाले का आरोप है। कर्मचारियों व काल्पनिक व्यक्तियों के नाम से बैंक एजेंट से मिलकर फर्जी खाते खोले गए। 

Case filed against 18 people in 100 crore scholarship scam in lucknow of up
फाइल फोटो

विस्तार

प्रदेश के दस शिक्षण संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 100 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में 18 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई ईडी की ओर से फरवरी संस्थानों की जांच में मिली गड़बड़ी के आधार पर की गई गई है। 


छात्रवृत्ति हड़पने के लिए संस्थानों ने अपने कर्मचारियों व अन्य काल्पनिक व्यक्तियों के नाम से बैंक एजेंट से मिलकर फर्जी खाते खोलकर उनके डेबिड कार्ड भी अपने पास रख लिए। प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज अखिलेश मिश्रा के मुताबिक, मामले की रिपोर्ट संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल के आदेश पर हजरतगंज थाने में तैनात एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने दर्ज कराई है। 


आरोपी शिक्षण संस्थानों ने 2015 से प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की ओर से कमजोर श्रेणी के लाभार्थियों को दी जाने वाली करीब 100 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति हड़प ली।

इसके लिए संस्थानों ने कूटरचित दस्तावेजों, फर्जी बैंक खातों और काल्पनिक व्यक्तियों के नाम का सहारा लिया। कॉलेजों के कॉमन प्रबंधक, कर्मचारी और मोबाइल नंबरों की जांच की गई। पता चला कि कई छात्रों का खाता एक ही ई-मेल आईडी से खोला गया।

कर्मचारियों व काल्पनिक नामों के आधार पर खोले गये खाते

प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति हड़पने के लिए अपने कर्मचारियों व अन्य काल्पनिक व्यक्तियों के नाम से बैंक खाते खोले। इनमें कुछ नाबालिग और बुजुर्गों भी थे, जिन्हें खाता खोले और छात्रवृत्ति तक की जानकारी नहीं थी। इन खातों से ही कई लोगों को भुगतान किया गया। 

आरोप है कि इसके लिए काॅलेज प्रबंधन ही जिम्मेदार है। यह गबन फिनो बैंक के एजेंट के साथ मिलकर किया गया। एजेंट खाता खुलवाकर नेट बैकिंग यूजर आईडी और पासवर्ड प्रयोग कर संस्थानों को देता था। पड़ताल में सामने आया कि करीब 3000 फर्जी खाते खोले गये। इसके लिए 1200 फर्जी दस्तावेज लगाकर सिम कार्ड और 1200 डेविट कार्ड तैयार किए गए। खास बात यह रही कि सभी डेविट कार्ड संस्थानों ने अपने पास ही रखे।

इन पर दर्ज हुआ केस
प्रवीण कुमार चौहान, इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, रवि प्रकाश गुप्ता, शिवम गुप्ता चेयरमैन, रामगोपाल सेक्रेटरी, पूनम वर्मा प्रबंधक, विवेक कुमार पटेल, विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, सचिन दुबे, मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद, जितेंद्र सिंह व अन्य कई अज्ञात
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