लखनऊ। साइबर क्राइम टीम की मदद से पुलिस ने पीजीआई इलाके से बुधवार को आठवीं फेल ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया, जो छह साल से सैकड़ों युवतियों को ब्लैकमेल कर रहा था। वह लड़की बनकर सोशल मीडिया पर दोस्ती करता और फिर उनकी निजी चैटिंग व फोटो हैक कर लेता। बाद में इन्हें युवतियों को दिखाकर हर महीने 05 से 20 हजार रुपये वसूलता था। जालसाज के पास से 10 हजार युवतियां का डाटा मिला है।
डीसीपी क्राइम पीके तिवारी के मुताबिक मूल रूप से शाहजहांपुर के मस्जिदगंज चौक निवासी विनीत मिश्रा ने लड़की के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता। दोस्ती होने पर उनकी आईडी हैककर फोटो और चैट का स्क्रीन शॉट ले लेता और उन्हें दिखाकर ब्लैकमेल करता। उसके लैपटॉप में करीब 10 हजार लड़कियों की व्यक्तिगत फोटो मिली हैं। मामले में पीजीआई थाने में एक युवती ने केस दर्ज कराया था। विनीत युवतियों से सिर्फ चैटिंग से बात करता था।
10 युवतियों के नाम से फेसबुक आईडी
विनीत ने अलग-अलग युवतियों के नाम से 10 फेसबुक आईडी बना रखी है। उसने बताया कि इससे वह आसानी से लड़कियों को अपनी बातों में फंसा लेता था। विनीत के निशाने पर स्कूली छात्राएं होती थीं। जो अक्सर दोस्तों से फेसबुक के मैसेंजर और इंस्टाग्राम पर खुलकर चैटिंग करती थी। साथ ही फोटो शेयर करने में भी नहीं हिचकती थीं।
लिंक भेजकर हैक करता था आईडी
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई आशीष द्विवेदी, साइबर क्राइम सेल के शरीफ खान और अजय प्रताप सिंह के मुताबिक विनीत बातचीत शुरू होने पर वह युवतियों, महिलाओं को फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर लिंक भेजता था। इसे खोलते ही विनीत युवतियों की आईडी हैक कर उनकी निजी चैटिंग व फोटो हासिल कर लेता। इंस्पेक्टर रमेश चंद्र पांडेय के मुताबिक शातिर युवतियों को 15-20 दिनों तक एक लिंक भेजता था। इसमें उनकी अश्लील फोटो होती थी। विनीत चैटिंग कर बताता था कि यह फोटो पॉर्न साइट पर अपलोड कर दी गई है। उसका एक परिचित इसे हटवा सकता है। इसके लिए पेटीएम व खाते में रुपये मंगवाता था। वहीं, जो युवतियां उसकी बातों में नहीं आती, उन्हें कुछ दिन बाद फोटो वायरल करने की धमकी देता। विनीत ने यू-ट्यूब से आईडी हैक करना सीखा था।
युवतियों से कहता- पूरी रात बातें करो
पुलिस के मुताबिक, विनीत मानसिक रूप से बीमार भी है। कई युवतियों से चैटिंग करने के बाद उन पर बात करने के लिए दबाव बनाता था। प्रभारी निरीक्षक आशीष द्विवेदी के मुताबिक उसके मोबाइल पर कई युवतियों से इस तरह की चैटिंग भी मिली है, जिसमें उसने पूरी रात बात करने के लिए दबाव बनाया।
हर महीने वसूलता था रकम
साइबर क्राइम सेल के प्रभारी मथुरा राय के मुताबिक आरोपी एक युवती से हर महीने 5 से 20 हजार रुपये वसूलता था। वहीं, 20 हजार रुपये मिलने के बाद जब भी किसी युवती का नंबर या चैटिंग दिख जाती तो फिर रुपये मांगता। विनीत के मोबाइल में 400 से अधिक युवतियों से रुपये वसूली के रिकॉर्ड भी मिले हैं। वह कभी मोटी रकम नहीं मांगता। सबसे बड़ी रकम 20 हजार रुपये ही थी। रकम खाते में आने के बाद वह कुछ दिन शांत हो जाता। फिर दो से तीन महीने बाद फिर रकम वसूलता।
शिकायत न होने पर बढ़ा दुस्साहस
पूछताछ में विनीत ने बताया कि वह 2015 में ठगी कर रहा है। शुरू में उसे डर लगा, लेकिन किसी के शिकायत न करने पर उसका दुस्साहस बढ़ गया। पुलिस विनीत के खाते की जांच भी करेगी। विनीत के लैपटॉप में कई फोल्डर मिले हैं, जो अलग-अलग युवतियों के नाम से हैं। पुलिस को इनमें युवतियों के फोटो, वीडियो व चैटिंग मिली है।
लखनऊ। साइबर क्राइम टीम की मदद से पुलिस ने पीजीआई इलाके से बुधवार को आठवीं फेल ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया, जो छह साल से सैकड़ों युवतियों को ब्लैकमेल कर रहा था। वह लड़की बनकर सोशल मीडिया पर दोस्ती करता और फिर उनकी निजी चैटिंग व फोटो हैक कर लेता। बाद में इन्हें युवतियों को दिखाकर हर महीने 05 से 20 हजार रुपये वसूलता था। जालसाज के पास से 10 हजार युवतियां का डाटा मिला है।
डीसीपी क्राइम पीके तिवारी के मुताबिक मूल रूप से शाहजहांपुर के मस्जिदगंज चौक निवासी विनीत मिश्रा ने लड़की के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता। दोस्ती होने पर उनकी आईडी हैककर फोटो और चैट का स्क्रीन शॉट ले लेता और उन्हें दिखाकर ब्लैकमेल करता। उसके लैपटॉप में करीब 10 हजार लड़कियों की व्यक्तिगत फोटो मिली हैं। मामले में पीजीआई थाने में एक युवती ने केस दर्ज कराया था। विनीत युवतियों से सिर्फ चैटिंग से बात करता था।
10 युवतियों के नाम से फेसबुक आईडी
विनीत ने अलग-अलग युवतियों के नाम से 10 फेसबुक आईडी बना रखी है। उसने बताया कि इससे वह आसानी से लड़कियों को अपनी बातों में फंसा लेता था। विनीत के निशाने पर स्कूली छात्राएं होती थीं। जो अक्सर दोस्तों से फेसबुक के मैसेंजर और इंस्टाग्राम पर खुलकर चैटिंग करती थी। साथ ही फोटो शेयर करने में भी नहीं हिचकती थीं।
लिंक भेजकर हैक करता था आईडी
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई आशीष द्विवेदी, साइबर क्राइम सेल के शरीफ खान और अजय प्रताप सिंह के मुताबिक विनीत बातचीत शुरू होने पर वह युवतियों, महिलाओं को फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर लिंक भेजता था। इसे खोलते ही विनीत युवतियों की आईडी हैक कर उनकी निजी चैटिंग व फोटो हासिल कर लेता। इंस्पेक्टर रमेश चंद्र पांडेय के मुताबिक शातिर युवतियों को 15-20 दिनों तक एक लिंक भेजता था। इसमें उनकी अश्लील फोटो होती थी। विनीत चैटिंग कर बताता था कि यह फोटो पॉर्न साइट पर अपलोड कर दी गई है। उसका एक परिचित इसे हटवा सकता है। इसके लिए पेटीएम व खाते में रुपये मंगवाता था। वहीं, जो युवतियां उसकी बातों में नहीं आती, उन्हें कुछ दिन बाद फोटो वायरल करने की धमकी देता। विनीत ने यू-ट्यूब से आईडी हैक करना सीखा था।
युवतियों से कहता- पूरी रात बातें करो
पुलिस के मुताबिक, विनीत मानसिक रूप से बीमार भी है। कई युवतियों से चैटिंग करने के बाद उन पर बात करने के लिए दबाव बनाता था। प्रभारी निरीक्षक आशीष द्विवेदी के मुताबिक उसके मोबाइल पर कई युवतियों से इस तरह की चैटिंग भी मिली है, जिसमें उसने पूरी रात बात करने के लिए दबाव बनाया।
हर महीने वसूलता था रकम
साइबर क्राइम सेल के प्रभारी मथुरा राय के मुताबिक आरोपी एक युवती से हर महीने 5 से 20 हजार रुपये वसूलता था। वहीं, 20 हजार रुपये मिलने के बाद जब भी किसी युवती का नंबर या चैटिंग दिख जाती तो फिर रुपये मांगता। विनीत के मोबाइल में 400 से अधिक युवतियों से रुपये वसूली के रिकॉर्ड भी मिले हैं। वह कभी मोटी रकम नहीं मांगता। सबसे बड़ी रकम 20 हजार रुपये ही थी। रकम खाते में आने के बाद वह कुछ दिन शांत हो जाता। फिर दो से तीन महीने बाद फिर रकम वसूलता।
शिकायत न होने पर बढ़ा दुस्साहस
पूछताछ में विनीत ने बताया कि वह 2015 में ठगी कर रहा है। शुरू में उसे डर लगा, लेकिन किसी के शिकायत न करने पर उसका दुस्साहस बढ़ गया। पुलिस विनीत के खाते की जांच भी करेगी। विनीत के लैपटॉप में कई फोल्डर मिले हैं, जो अलग-अलग युवतियों के नाम से हैं। पुलिस को इनमें युवतियों के फोटो, वीडियो व चैटिंग मिली है।