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Ayodhya: अयोध्या से प्रेशर पॉलिटिक्स पर सरकार का ब्रेक, भाजपा आलाकमान को पसंद नहीं आई बृजभूषण की हुंकार

संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा Published by: ishwar ashish Updated Sat, 03 Jun 2023 02:43 PM IST
सार

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की अयोध्या में जनचेतना रैली को लेकर भाजपा असहज थी। यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व धरना दे रहे पहलवानों के बीच टकराव से सरकार बचना चाहती है। बताया जा रहा है कि अयोध्या में रैली से गलत संदेश जाता इसलिए अनुमति नहीं दी गई।

BJP leadership stops the pressure politics of MP Brijbhushan Shara Singh.
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह। - फोटो : amar ujala

विस्तार
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जन चेतना रैली के माध्यम से विपक्ष और पक्ष पर दबाव बनाने की भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की तैयारी धरी की धरी रह गई। अयोध्या के संतों की अगुवाई में बृजभूषण की पैरोकारी को तगड़ा झटका लगा है। रामनगरी से प्रेशर पॉलीटिक्स पर सरकार के इशारे पर ही ब्रेक लगा है। यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व धरना दे रहे पहलवानों के बीच टकराव से सरकार बचना चाहती है। दोनों पक्षों में जवाबी-कीर्तन जैसे माहौल पर खुफिया विभाग की गोपनीय रिपोर्ट के चलते रैली रद्द की गई है।



महिला पहलवानों के आरोपों से घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में पांच जून को अयोध्या में होने वाली जन चेतना रैली शुक्रवार को अचानक रद्द करनी पड़ी। भाजपा हाईकमान को ऐसे मौके पर पार्टी के एजेंडे में प्रमुख अयोध्या में इस तरह की रैली पसंद नहीं आई। इसी के चलते सांसद को पांव पीछे खींचने पड़े।


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रैली रद्द होने के बाद इसके माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने की सांसद की हसरत धरी रह गयी। माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान की तरफ से निर्देश मिलने के बाद ही प्रशासन ने रैली के लिए अनुमति से इंकार किया है। हालांकि रैली रद्द होने के पीछे अयोध्या प्रशासन की तरफ से अनुमति न मिलने की बात कही जा रही है। वहीं, खुद सांसद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर रैली स्थगित करने की बात कही हैं। कारण जो भी हो, फिलहाल इस रैली के रद्द होने के कई निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।

यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी बेगुनाही बताने के लिए पांच जून को अयोध्या के रामकथा पार्क में जन चेतना रैली का आयोजन करने का एलान किया था। कहा जा रहा था कि रैली का नेतृत्व अयोध्या के संत करेंगे और यहीं से पॉक्सो एक्ट के दुरुपयोग और उसमें बदलाव की मांग उठाई जाएगी। सांसद व उनके समर्थक पूरे दमखम से रैली की तैयारियों में जुटे थे।
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सांसद की तरफ से रैली में 11 लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा था। बृहस्पतिवार को रैली के आयोजन की अनुमति को लेकर सांसद की अयोध्या जिला प्रशासन के साथ बैठक भी हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को अचानक यह रैली रद्द कर दी गयी। इसकी जानकारी खुद सांसद बृजभूषण ने अपने फेसबुक पर पोस्ट से साझा की। इसके बाद कहा गया कि अयोध्या जिला प्रशासन से अनुमति न मिलने के बाद रैली स्थगित की गयी है। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रैली रद्द कराने के पीछे कोई और नहीं बल्कि भाजपा आलाकमान का वह आदेश हैं जिसमें सांसद बृजभूषण को संयम बरतने की हिदायत दी गयी है।

दरअसल इस रैली के माध्यम से सांसद बृजभूषण न सिर्फ संत समाज को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटे थे बल्कि इसके जरिए ही वह शक्ति प्रदर्शन भी करना चाह रहे थे। वहीं, पहलवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत और खाप पंचायतों के उतरने से यह टकराव लगातार बढ़ता जा रहा था। इस जोर आजमाइश से भाजपा असहज होने लगी थी। इसी को देखते हुए सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बृहस्पतिवार को ही पार्टी आलाकमान का संदेश मिल गया था। इस संदेश में साफ तौर पर रैली को रद्द करने का निर्देश था। साथ ही इस मुद्दे पर अनर्गल बयानबाजी न करने की हिदायत भी सांसद को मिली है।

जन चेतना रैली के लिए सांसद ने अयोध्या में अपने समर्थक साधु-संतों को एकजुट कर लिया था। उन्हीं के माध्यम से वह आरोप लगा रहे पहलवानों को घेरने की तैयारी में थे। इसकी भनक भाजपा की अयोध्या इकाई और आरएसएस को लग चुकी थी। धार्मिक नगरी अयोध्या में जांच पूरी होने से पहले भाजपा और आरएसएस किसी तरह का बवाल नहीं चाहती थी। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रैली में 11 लाख लोगों को जुटाने का एलान किया था। इसमें गोंडा से चार लाख लोगों को शामिल होना था बाकी अन्य आसपास के जिलों के लोगों को शामिल करने की तैयारी थी। सांसद ने बलरामपुर, बाराबंकी व बहराइच में बैठक की और बस्ती, सुल्तानपुर, लखनऊ, सीतापुर में उनके समर्थक भी सक्रिय थे। ऐसे में पांच जून को अयोध्या में बवाल न होने पाए, इसलिए रैली रद्द कराना ही एकमात्र विकल्प था। अब इसकी खासी चर्चा है।

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