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Nagar Nigam: गलत सर्वे से एक लाख करदाता परेशान, पहले हाउस टैक्स देते थे 4953, अब मांगे जा रहे 2.24 लाख रुपये
प्रवेंद्र गुप्ता, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Mon, 05 Jun 2023 04:27 PM IST
गलत जीआईएस सर्वे का नतीजा एक लाख गृहकरदाता भुगत रहे हैं। पहले 4953 रुपये देते थे हाउस टैक्स, अब सवा दो लाख रुपये मांगा जा रहा है। परेशान लोग निगम के चक्कर काट रहे हैं।
गलत और मनमाने तरीके से किए गए गृहकर जीआईएस सर्वे का खामियाजा एक लाख से अधिक भवनस्वामियों को भुगतना पड़ रहा है। सर्वे करने वाली निजी कंपनी का काम सही नहीं होने पर नगर निगम सदन ने पिछले साल 17 नवंबर को इस पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी।
इसके बाद नगर निगम दो महीने चुप्पी साधे रहा। अब निगम प्रशासन ने आपत्ति और नोटिस की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही उसी सर्वे के आधार पर एकतरफा सुनवाई (एक्स पार्टी) करके टैक्स बढ़ा दिया है। अप्रैल से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष में अब भवनस्वामी गृहकर जमा करने आ रहे हैं, तो बढ़ा हुआ टैक्स देखकर वे दंग रह जा रहे हैं।
जीआईएस सर्वे की गड़बड़ी से परेशान लोग हर जोन में हैं। ऐसी तमाम शिकायतों को लेकर अमर उजाला ने उस समय प्रमुखता से मुद्दा उठाया था। इसपर कई समाचार प्रकाशित किए थे। इसके बाद सदन में गलत सर्वे पर हंगामा हुआ। गलत सर्वे को निरस्त करने की मांग उठी। चर्चा के बाद तत्कालीन महापौर संयुक्ता भाटिया ने पार्षदों की मांग पर दो महीने के लिए जीआईएस सर्वे पर अमल करने पर रोक लगा दी थी।
नवंबर के बाद जनवरी में तत्कालीन महापौर और पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो गया। दो महीने का समय बीत गया और चुनाव नहीं हुआ, तो निगम प्रशासन ने इसका फायदा उठाया। कई जोनों में एक्स पार्टी कर जीआईएस सर्वे की गलत रिपोर्ट को ही अंतिम मानकर साॅफ्टवेयर में टैक्स फीड करा दिया। इसी के आधार पर अब टैक्स के नए बिल एक अप्रैल से जारी हो रहे हैं।
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गलत टैक्स...लोग काट रहे नगर निगम के चक्कर
2903 रुपये चुकाती थीं गृहकर, अब 14,688 रुपये
हजरतगंज रामतीरथ वार्ड में शिरीन हनीफ का मकान है। इनके मकान का आईडी-9157ए27049 है। बीते साल तक 800 वर्ग फीट के इनके मकान का टैक्स महज 2903 रुपये सालाना था। गलत जीआईएस सर्वे की वजह से यह अब 14,688 रुपये हो गया है। शिरीन अब नगर निगम का चक्कर काट रही हैं।
4953 रुपये देते थे गृहकर, अब 2.24 लाख मांगा जा रहा
राममोहन राय वार्ड में राजेश कुमार भल्ला और ज्योति भल्ला का मकान है। इनका भवन आईडी 9157ए06291 है। बीते साल तक इनके मकान का 3500 वर्ग फीट कवर्ड एरिया का टैक्स 4953 रुपये सालाना था। गलत जीआईएस सर्वे से अब यह 2.24 लाख रुपये सालाना हो गया है। राजेश टैक्स दुरुस्त कराने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं।
आरोप : निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कराया गया सर्वे
सपा के वरिष्ठ पार्षद व पूर्व नेता सपा पार्षद दल यावर हुसैन रेशू का आरोप है कि निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए शासन ने जीआईएस सर्वे कराया। यही बात कांग्रेस की वरिष्ठ पार्षद व पूर्व नेता कांग्रेस पार्षद दल ममता चौधरी भी कहती हैं। दोनों का कहना है कि जब नगर निगम के पास खुद टैक्स इंस्पेक्टर हैं, तो फिर क्यों 10 करोड़ रुपये सर्वे पर खर्च किए गए? दोनों कहते हैं, सदन में यह मामला उठाया गया था। ऐेसे में अफसरों को नए सदन का इंतजार करना चाहिए था। जब मामला सदन का था, तो फिर सदन में ही इस पर बात होनी चाहिए थी।
भाजपा पार्षद ने भी उठाए सवाल
भाजपा पार्षद व पूर्व उपनेता भाजपा पार्षद दल कौशलेंद्र द्विवेदी कहते हैं, पिछले सदन में भी मैंने मामला उठाया था। निजी कंपनी का सर्वे गलत है। सर्वे करने वालों ने गड़बड़ी की। सीधे सर्वे के आधार पर टैक्स नहीं बढ़ाना चाहिए था। पहले नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर से सत्यापन कराया जाए, उसके बाद ही टैक्स फीड किया जाए।
आपत्ति करें, गड़बड़ी दूर की जाएगी
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह का कहना है कि यदि किसी को यह लगता है कि सर्वे के बाद उसका टैक्स निर्धारण गलत हुआ है, तो वह संबंधित जोन में जोनल अफसर, कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक के पास जाकर आपत्ति दर्ज करा सकता है। जांच कर उसे दुरुस्त किया जाएगा। यदि जोनल स्तर पर सुनवाई नहीं हो, तो मुख्यालय आकर मुझसे मिल सकते हैं। शिकायत का निस्तारण किया जाएगा।
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