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Ayodhya News : दो को नेपाल से शालिग्राम शिलाएं पहुंचेंगी अयोध्या, छह करोड़ साल पुरानी होने का दावा

संवाद न्यूज एजेंसी, अमर उजाला, अयोध्या Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Sun, 29 Jan 2023 12:57 PM IST
सार

राममंदिर निर्माण समिति की बैठक शनिवार को निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। मंदिर की लैंडस्केपिंग कैसी हो इस पर भी बात हुई। पूरा मंदिर परिसर इको फ्रेंडली होगा। परिसर में त्रिस्तरीय वृक्षारोपण किया जाएगा।

ये शिलाएं दो फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगी...
ये शिलाएं दो फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगी... - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

श्रीराम जन्मभूमि के नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में स्थापित होने वाले भगवान के श्रीविग्रह के लिए मुक्तिनाथ धाम (नेपाल) से दो शालिग्राम शिला अयोध्या लाई जा रही हैं। यह शिला दो फरवरी को अयोध्या पहुंचेगी जिसे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। दावा है कि ये शिलाएं करीब छह करोड़ साल पुरानी हैं। दोनों शिलाएं 40 टन की हैं। एक शिला का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है।



नेपाल के काली गण्डकी नदी से प्राप्त छह करोड़ वर्ष पुराने दो शालीग्राम पत्थर को अयोध्या में निर्माण हो रहे श्री राम मंदिर में वहा पर भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाने के लिए तय किया गया है।  शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी काली गण्डकी है, यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है। कालीगण्ड नदी के किनारे से लिया गया यह शिला खंड एक 26 टन का और दूसरा 14 टन का है। निकालने से पहले काली गंड़की नदी में क्षमा पूजा की गई और विशेष पूजा के साथ ले जाया गया।  शिला को  26-01-2023  गुरुवार के दिन गलेश्वर महादेव मन्दिर में रूद्राभिषेक किया गया।


आर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गईं ये शिलाएं दो फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इन शिलाओं को 26 जनवरी को ट्रक में लोड किया गया है। पूजा-अर्चना के बाद दोनों शिलाओं को ट्रक से सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जा रहा है। श्याम वर्ण की कई टन वजनी दो विशाल शिलाएं विश्व हिंदू परिषद द्वारा मुक्तिनाथ से अयोध्या लाई जा रही है। विभिन्न स्वरूपों में मिलने वाले श्याम वर्ण के श्रीशालिग्राम भगवान केवल काली गंडकी नदी (नेपाल) में ही मिलते हैं। जिसे नारायणी के नाम से भी जाना जाता है। इस शिला से बनी मूर्तियां कहां स्थापित होंगी इसको लेकर ट्रस्ट की ओर से अभी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।



रामजन्मभूमि परिसर के 50 एकड़ भूमि में होगी हरियाली
राममंदिर निर्माण समिति की बैठक शनिवार को निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। मंदिर की लैंडस्केपिंग कैसी हो इस पर भी बात हुई। पूरा मंदिर परिसर इको फ्रेंडली होगा। परिसर में त्रिस्तरीय वृक्षारोपण किया जाएगा। रामायण कालीन वृक्ष परिसर की आभा के साथ-साथ हरियाली बढ़ाएंगे। ऐसे पौधे रोपित किए जाऐंगे जो दीर्घजीवी और पर्यावरण के अनुकूल हों। 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में महज 20 एकड़ में मंदिर निर्माण होगा शेष 50 एकड़ हरियाली से आच्छादित होगा।

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