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Lucknow : खराब डिजाइन और घटिया सामग्री के इस्तेमाल से गिरा अलाया अपार्टमैंट, मंडलायुक्त की रिपोर्ट में खुलासा

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Wed, 22 Mar 2023 06:28 AM IST
सार

पांच मंजिला इमारत के निर्माण के लिए न तो आर्किटेक्ट से ड्राइंग ली गई थी और न ही सिविल इंजीनियर से स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार करवाई गई थी। नौसिखियों ने मानक के विपरीत और घटिया सामग्री इस्तेमाल करके फ्लैट खरीदने वालों के जीवन से खिलवाड़ किया।

Alaya apartment collapsed due to bad design and use of substandard material
अलाया अपार्टमेंट, file pic - फोटो : amar ujala

विस्तार

राजधानी का अलाया अपार्टमेंट जब बनाया जा रहा था, तभी तय हो गया था कि इसकी उम्र बमुश्किल 10-12 साल ही होगी। पांच मंजिला इमारत के निर्माण के लिए न तो आर्किटेक्ट से ड्राइंग ली गई थी और न ही सिविल इंजीनियर से स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार करवाई गई थी। नौसिखियों ने मानक के विपरीत और घटिया सामग्री इस्तेमाल करके फ्लैट खरीदने वालों के जीवन से खिलवाड़ किया।



24 जनवरी 2023 को बेहद हल्के भूकंप के झटके आने के बाद वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट भरभराकर ढह गया था। इसकी जांच के लिए बनाई गई लखनऊ की मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट में अहम खुलासे किए गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि जांच कमेटी को अंत तक अलाया अपार्टमेंट के निर्माण की वास्तुविद संबंधी ड्राइंग और स्ट्रक्चरल डिजाइन नहीं मुहैया कराई जा सकी। स्ट्रक्चरल डिजाइन में ही बताया जाता है कि किसी भी भवन की लोड क्षमता के हिसाब से पिलर्स की गहराई, सरिया का साइज और सीमेंट की मात्रा क्या रहेगी। साथ ही निर्माण में अन्य क्या सावधानियां बरतनी हैं।


इस तरह से कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बिना नक्शे की उपलब्धता के ही दी है। क्या भूकंप के झटके के कारण बिल्डंग गिरी? कमेटी का मत है कि किसी एक कारण से यह बिल्डिंग नहीं गिरी। वर्ष 2013 में यह बिल्डिंग बनी थी और 2023 में बिल्डिंग गिरने तक कई बार उतनी तीव्रता के भूकंप आए। निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री (क्षमता) की अपेक्षा लोड अधिक होने के कारण आहिस्ता-आहिस्ता यह बिल्डिंग कमजोर होती गई। समय के साथ इमारत में दरारें भी देखी गईं, जिन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ा।

बेसमेंट में इतनी ज्यादा खोदाई नहीं की गई थी, जो बिल्डंग गिरने का कारण बनती। बिल्डिंग गिरने की मुख्य वजह लोड बियरिंग कैपसिटी (वजन धारण क्षमता) का आकलन करते हुए उसी के अनुसार भवन की स्ट्रेंथ (मजबूती) न रखना है। यहां तक कि पिलर्स की न तो गहराई मानक के अनुरूप मिली और न ही उनका बेस मानक के अनुरूप तैयार किया गया था। भवन की लोड धारण क्षमता में यह आकलन भी किया जाता है कि उसकी उम्र कितनी होगी। सामान्यतः इस तरह के स्ट्रक्चर में 70-80 साल तक का समय लेकर चला जाता है। लेकिन, इसमें प्रयुक्त सामग्री अधिकतम 10-12 साल के हिसाब से ही इस्तेमाल की गई प्रतीत हुई।

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