पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार तीसरी बार बनना लगभग तय हो गया है। रूझानों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी 202 सीटों पर आगे है।
इस पर खुशी व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की नफ़रत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू नेता ममता बनर्जी व टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।
उन्होंने आगे लिखा कि ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुंहतोड़ जवाब है।
दरअसल, आज रविवार को पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी व असम के विधानसभा चुनाव की मतगणना हो रही है लेकिन सभी की नजरें पश्चिम बंगाल पर ही लगी हुई थीं।
भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सघन चुनाव प्रचार किया था। भाजपा के प्रमुख नेता व देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 200 सीटें जीतने की घोषणा की थी पर भाजपा 100 सीटें भी नहीं हासिल कर सकी।
बता दें कि 294 सीटों वाली बंगाल विधान सभा में बहुमत के लिए 147 सीटें चाहिए जबकि टीएमसी इससे कहीं आगे 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।
विस्तार
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार तीसरी बार बनना लगभग तय हो गया है। रूझानों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी 202 सीटों पर आगे है।
इस पर खुशी व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की नफ़रत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू नेता ममता बनर्जी व टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।
उन्होंने आगे लिखा कि ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुंहतोड़ जवाब है।
दरअसल, आज रविवार को पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी व असम के विधानसभा चुनाव की मतगणना हो रही है लेकिन सभी की नजरें पश्चिम बंगाल पर ही लगी हुई थीं।
भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सघन चुनाव प्रचार किया था। भाजपा के प्रमुख नेता व देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 200 सीटें जीतने की घोषणा की थी पर भाजपा 100 सीटें भी नहीं हासिल कर सकी।
बता दें कि 294 सीटों वाली बंगाल विधान सभा में बहुमत के लिए 147 सीटें चाहिए जबकि टीएमसी इससे कहीं आगे 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।