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650 people of UP pleaded: By Sunday morning, two flights will come from Ukraine, 34 people from UP will be involved in the first
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यूपी के 891 लोगों ने लगाई गुहार : यूक्रेन से आई दूसरी फ्लाइट, पहली में यूपी के 37 लोग शामिल
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Sun, 27 Feb 2022 03:51 AM IST
सार
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माइनस पांच डिग्री सेल्सियस की ठिठुरन भी छात्र-छात्राओं ने बर्दाश्त कर ली, पर दूतावास ने जब उन्हें स्कूल से निकलकर मेट्रो स्टेशन में जाकर छिपने को कहा तो उनकी मायूसी और बढ़ गई।
यूक्रेन में बंकर से आपबीती बताते छात्र
- फोटो : अमर उजाला
यूक्रेन से शनिवार देर रात मुंबई पहुंची पहली फ्लाइट में यूपी के 37 लोग हैं। दूसरी फ्लाइट रविवार तड़के दिल्ली पहुंची है। प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर बसें लगाई हैं। प्रदेश के अब तक 891 लोगों ने यूक्रेन में विभिन्न स्थानों पर फंसे होने की जानकारी सरकार के कंट्रोल रूम से साझा की है। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली पहुचे लोगों को एयरपोर्ट से यूपी भवन पहुंचाने व भोजन आदि की व्यवस्थाएं भी की गई हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर वहां फंसे प्रदेश के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार व कीव स्थित भारतीय दूतावास से समन्वय के लिए राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्थानिक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे यूक्रेन से वापस आने वाले प्रदेश के नागरिकों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर काउंटर स्थापित करें। उन्हें केंद्र सरकार व अन्य समस्त संबंधित से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने बताया कि यूपी भवन से जिलों तक लोगों को पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर दृष्टिगत वहां फंसे प्रदेश के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार व भारतीय दूतावास कीव से समन्वय के लिए राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। यहां लगातार लोग अपनों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना दर्ज करा रहे हैं।
कहीं भूख से अकुलाते रहे छात्र, कहीं उबले चावल पर कटी रात
यूक्रेन के डेनप्रो में जहां भारतीय छात्र दाने-दाने को मोहताज हो गए। आठ से दस घंटे तक भूख से उनकी आंतें अकुलाती रहीं, वहीं खारकीव में दूतावास के पास स्कूल में रुके छात्र-छात्राओं को उबले चावल पर रात काटनी पड़ी। माइनस पांच डिग्री सेल्सियस की ठिठुरन भी छात्र-छात्राओं ने बर्दाश्त कर ली, पर दूतावास ने जब उन्हें स्कूल से निकलकर मेट्रो स्टेशन में जाकर छिपने को कहा तो उनकी मायूसी और बढ़ गई।
युद्घग्रस्त यूक्रेन में फंसे लखनऊ निवासी छात्र-छात्राओं ने शनिवार को अमर उजाला को कुछ यूं ही अपनी पीड़ा बयां की। बातचीत में उनकेआंसू तक छलक आए। मदद की गुहार लगा रहे छात्र-छात्राओं की एक ही ख्वाहिश है कि कैसे भी वापस अपनी जमीं पर लौट सकें। दरअसल, रूस केराष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। भयंकर बमबारी के बीच हजारों भारतीय छात्र-छात्राएं यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं और सोशल मीडिया पर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। पूर्वी यूक्रेन स्थित डेनप्रो के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले लखनऊ के छात्र मनोज यादव ने बताया कि यहां सैकेड़ों छात्र फंसे हुए हैं, पर मदद सिर्फ यूक्रेनियन लोगों की हो रही है।
भारतीय छात्र-छात्राओं की मदद नहीं की जा रही है। पिछले आठ से दस घंटे से छात्र-छात्राएं भूखे हैं। इतना ही नहीं कई हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए हैं। लेकिन दवाओं का कोई इंतजाम नहीं है। यहां माइनस पांच डिग्री सेल्सियस तापमान में शनिवार का पूरा दिन ठिठुरन में बीता है। अलीगंज की रहने वाली प्रियल मिश्रा यूक्त्रस्ेन के खारकेव के नौकोवा मेट्रो स्टेशन में 24 घंटे से फंसी हुई हैं। प्रियल की सकुशल वापसी के लिए परिवारी जनों के साथ ही रिश्तेदार भी परेशान हैं। प्रियल ने बताया कि सिर्फ ब्रेड व पानी बचा हुआ है। उसके भी खत्म होने की नौबत आ गई है। ऐसे में राशन का संकट खड़ा हो गया है। यहां मेट्रो स्टेशन पर पांच से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। हालत बद से बदतर हो रहे हैं। उनके पिता भारत भूषण मिश्र बेटी को लेकर खासे चिंतित हैं।
उबले चावल मिले, वो भी नहीं पड़े पूरे
फूलबाग निवासी मधु वर्मा खारकीव में फंसी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों से भारतीय दूतावास के पास बने एक स्कूल में सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ फंसी हुई हूं। नहाना-धोना तो दूर की बात है, खाना भी पूरा नहीं पड़ रहा है। यह भी पता नहीं होता है कि अगले दिन खाना मिलेगा भी या नहीं। जो उबले चावल मिले थे, उसे हमने आपस में बांटकर खाया। हद तो तब हो गई, जब शनिवार शाम भारतीय दूतावास अधिकारियों ने स्कूल से निकलकर मेट्रो स्टेशन पर चले जाइए। जोकि अंडरग्राउंड है। लेकिन हमें वहां पहुंचाने के लिए जो बस मंगवाई गई, उसमें साठ से ज्यादा पैसेंजर बैठ ही नहीं सकते थे। ऐसे में साढ़े तीन सौ छात्रों केहाथ-पैर ठंडे हो गए। आगे कहां जाएंगे, कैसे जाएंगे, हमारा क्या होगा, कोई पूछने वाला नहीं है।
एनजीओ मदद को तैयार, पर सुविधाओं की दरकार
खारकीव में फंसे छात्रों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यूक्रेन में एनजीओ भारतीय छात्र-छात्राओं की मदद नहीं करना चाह रहे हैं। सौ से अधिक एनजीओ छात्रों केसम्पर्क में हैं। वे राशन से लेकर अन्य जरूरी सामान वितरित करने को तैयार हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं होने की वजह से एनजीओ के भी हाथ-पैर बंधे से प्रतीत हो रहे हैं। यह समस्या खारकीव ही नहीं, डेनप्रो, कीव आदि जगहों पर भी सामने आ रही है।
बेटा मुसीबत में फंसा तो मां ने मांगी मदद
सीमा अग्रवाल कहां की रहने वाली हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी। पर, कोविड के दौरान उनके पति का देहांत हो गया था। उनका बेटा आदित्य अग्रवाल खारकीव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रहा है। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और उनका बेटा मुसीबत में फंस गया तो उन्होंने ट्विटर एकाउंट बनाया और उस पर लगातार मदद मांग रही हैं। उन्होंने लिखा कि बेटे के साथ दो सौ छात्र फंसे हुए हैं, जिन्हें मदद की दरकार है।
नेटवर्क ध्वस्त, सोशल मीडिया ने दिया सहारा
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र लगातार अपने परिजनों से सम्पर्क करने में लगे हुए हैं। डेनप्रो में रहने वाले लखनऊ के मनोज यादव ने बताया कि युद्घ की वजह से कम्युनिकेशन सिस्टम ठप सा हो गया है। मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया से काफी मदद मिली है। ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक की मदद से परिजनों से जुड़े हुए हैं तथा वीडियो कॉल से हालचाल मिल रहा है।
विदेश मंत्री को विधायक ने लिखी चिट्ठी
यूक्त्रस्ेन पर रुसी बमबारी की खबरों से मोहनलालगंज के खुझौली निवासी रिटायर्ड टीचर मोहम्मद हुसेन के परिवार का दिल दहल उठता है। हुसेन का बेटा ताहिर हुसेन यूक्त्रस्ेन के खार्कीव में फंसा हुआ है। व्हाट्सएप काल के जरिए परिवार उसके सम्पर्क में है। बड़े भाई हाफिज हुसेन ने बताया ताहिर के पास खाने पीने का सामान खत्म हो चुका है। जेब भी खाली है, परिवार की ओर से भेजी गई रकम उस तक नहीं पहुंच पा रही है। लिहाजा किसी तरह साथियों की मदद से खाना मिल रहा है। हाफिज ने क्षेत्रीय विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर और पीएम नरेन्द्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उधर विधायक ने विदेश मंत्री एस0 जयशंकर को पत्र लिखकर ताहिर की घर वापसी कराने की गुजारिश की है।
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