योग और आयुर्वेद में कई सारी ऐसी क्रियाएं हैं, जिनके अभ्यास से आपकी मुश्किल से मुश्किल शारीरिक और मानसिक समस्याएं हल की जा सकती हैं। जलनेति ऐसी ही एक योगिक क्रिया है। इसे श्वसन प्रणालि को साफ रखने एवं नाक से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उपयोग में लिया जाता है। पिछले एक साल से जब से कोरोना हमारे बीच है, तब से कई सारे अस्पतालों में मरीजों को यह करवाई भी जा रही है और चिकित्सकों के अनुसार यह सफल भी है। आइए योग प्रशिक्षक अशोक सिंह सैंगर, आदर्श योग सेंटर, इंदौर से जानते हैं इसकी विस्तृत जानकारी।
दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है
जलनेति क्रिया से नाक एवं श्वास में होने वाले संक्रमण को दूर किया जा सकता है। इस क्रिया को करने के लिए आप नाक के एक छेद में पानी डालते हैं और दूसरे छेद से उसे निकाल देते हैं। इस तरह से बार-बार इसे किया जाता है। कोरोना में दिन में दो से तीन बार इसे करने से अच्छा लाभ पहुंचता है। कोरोना में अधिकतर मरीजों को लक्षण के तौर पर बुखार, सूंघने की शक्ति का क्षीण हो जाना एवं सर्दी होती है, जिसके लिए जलनेति असरकारक है।
इस तरह करें अभ्यास-
जलनेति का अभ्यास करने के लिए आप एक लंबी नली वाला तांबे का लोटा लीजिए और उसमें हल्का गर्म पानी और चुटकीभर नमक डाल दीजिए। एक स्थान पर बैठकर दाईं नथुने से पानी को अंदर की तरफ डालिए और सिर को बाईं ओर झुकाकर बाईं नथुने से पानी को निकाल दीजिए। इस दौरान मुंह से सांस लें। एकतरफ से प्रक्रिया हो जाए तो इसे दूसरी तरफ से करें।
इस तरह रखें सावधानी
जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, वे बिना प्रशिक्षक के इसका अभ्यास न करें, नाक के अंदर के सारे पानी को बाहर निकाल डालें नहीं तो संक्रमण होने की संभावना हो सकती है। जलनेति करने के बाद नाक की भीतरी त्वचा शुष्क हो सकती है।