अन्ना अखमतोवा 20वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रूसी कवियों में से एक थे। उन्हें 1965 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था और अगले वर्ष इस पुरस्कार के लिए उन्हें सबसे ज्यादा (तीन) नामांकन प्राप्त हुए। अख्मातोवा रूसी कविता की प्रमुख महिला स्वर हैं।
सब कुछ
सब कुछ लूटा गया, धोखा और सौदेबाजी थी
काली मौत मंडरा रही है सिर पर
सब कुछ डकार गई है अतृप्त भूख
फिर क्यों चमकती है एक प्रकाश किरण आगे?
दिन के वक़्त, शहर के पास रहस्यमय जंगल,
सांस से छोड़ता है चेरी, चेरी का इत्र।
रात के समय जुलाई के गहरे और पारदर्शी आसमान पर,
नए तारा मण्डल को पलट दिया जाता है।
और कुछ चमत्कारपूर्ण प्रकट होगा
अंधेरा और बर्बादी जैसा
कुछ ऐसा, कोई नहीं जनता जिसे
हालांकि हमने इंतजार किया है, उसका लड़कपन से।
हालांकि यह धरती मेरी अपनी नहीं है,
मुझे याद रहेगा इसका अन्तर्देशीय समुद्र
और जल जो इतना शीतल है
झक्क सफेद रेत
मानो पुरानी हड्डियाँ हों, हैरानी है देवदार के पेड़
वहाँ सुर्ख लाल होते हैं, जहां सूरज नीचे आता है।
मैं नहीं बात सकती यह हमारा प्यार है
या, दिन खत्म हो रहा है।
मुझे लगता है राजा युवा मगर दुर्दन्त था,
जब उसने घोषणा की,
तुम थेबीस को मिट्टी में मिल दो,
और बूढ़ा प्रमुख
इस शहर को गौरवमय मानता था
उसने देखा था वह वक़्त
जिसके बारे में कवि गाया करते थे
सब कुछ जला डालो!
राजा ने एक सूची और बनायी
मीनार, द्वार, मंदिर-
सम्पन्न और पनपते हुए...
मगर
विचारों में खो गया,
और चेहरे पर चमक लाकर कहा
तुम बस महाकवि के परिवार के
जीवित लोगों के नाम दे दो।
'विश्व की श्रेष्ठ कविताएं' अनुवाद : सरिता शर्मा' से साभार।
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प्रस्थान
1 year ago
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