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सोशल मीडिया: विवेक आसरी की कविता- दूसरी मोहब्बत 

सोशल मीडिया: विवेक आसरी की कविता- दूसरी मोहब्बत
                
                                                                                 
                            दूसरी मोहब्बत
                                                                                                

पत्थर पर उगा पीपल है
या झुठलाया गया वो मुहावरा
कि हथेली पर सरसों नहीं जमती।

दूसरी बार प्यार
वो जश्न है
जिसे पहली किस के लिए मनाया गया
या कि वो मातम
जो सूखी झील में बहाया गया। आगे पढ़ें

1 year ago

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😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
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