पत्नी की फटकार है अद्भुत,
अद्भुत है पत्नी की मार।
पत्नी के ताने सुन सुन कर,
खुलते ज्ञान चक्षु के द्वार।।
दस्यु सुना उत्तर पत्नी का
भरम हो गया अंतर्ध्यान।
हार गई पत्नी से दस्युता
बाल्मिकी हुए कवि महान।।
पत्नी से जब मार पड़ी तब,
रोया फूट फूट नादान।
कालिदास अनपढ़ मतिमंदा,
हो गए कवि विद्वान महान।।
पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान।
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान।।
(ये शायरी इंटरनेट की दुनिया में लोकप्रिय है। अगर आपको लेखक का नाम मालूम हो तो ज़रूर बताएं। शायरी के साथ शायर का नाम लिखने में हमें ख़ुशी होगी।)
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4 months ago
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