आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

Social Media Poetry: साथ अपना बड़ा पुराना था

सोशल मीडिया
                
                                                         
                            साथ  अपना  बड़ा  पुराना था
                                                                 
                            
इस तरह छोड़कर न जाना था

हारते  थे  तो  हार   जाते  हम
आपको साथ तो निभाना  था

आप भी  आजकल अकेले हैं
आप  के साथ  तो ज़माना था

काश! कुछ दोस्त भी बना लेते
सिर्फ  घर  ही  नहीं बनाना था 

उसने पूछा कि तुम कहाँ पँहुचे
फिक्र इसमें नहीं थी ताना था !

साभार: ज्ञानप्रकाश आकुल की फेसबुक वाल से 
3 महीने पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now