कोई पागल ही मोहब्बत से नवाज़ेगा मुझे
आप तो ख़ैर समझदार नज़र आते हैं
वो पास क्या ज़रा सा मुस्कुरा के बैठ गया
मैं इस मज़ाक़ को दिल से लगा के बैठ गया
बस इक ही दोस्त है दुनिया में अपना
मगर उस से भी झगड़ा चल रहा है
दुनिया को ऐसे भूलूँगा
दुनिया मुझ को याद करेगी
मैं ख़ुश हूँ उस के निकालने पर और इतना आगे निकल चुका हूँ
के अब अचानक से उस ने वापस बुला लिया तो बुरा लगेगा
मैं रस्मन कह रहा हूँ ''फिर मिलेंगे''
ये मत समझो कि वादा कर रहा हूँ
जाते-जाते ये कहा उस ने चलो आता हूँ
अब यही देखना है जाता है या आता है
तितली के जैसी है मेरी हर ख़्वाहिश
हाथ लगाने से पहले उड़ जाती है
कितने अदब से बैठे हैं सूखे पौदे
जैसे बादल शे'र सुनाने वाला है
काम अधूरा पड़ा है ख़्वाबों का
आज फिर नींद ग़ैर-हाज़िर है
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3 days ago
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