Urdu Poetry: सरवत हुसैन की ग़ज़ल 'फिर वो बरसात ध्यान में आई, तब कहीं जान जान में आई'
फिर वो बरसात ध्यान में आई
तब कहीं जान जान में आई
फूल पानी में गिर पड़े सारे
अच्छी जुम्बिश चटान में आई
रौशनी का अता-पता लेने
शब-ए-तीरा जहान में आई
रक़्स-ए-सय्यार्गां की मंज़िल भी
सफ़र-ए-ख़ाक-दान में आई
3 महीने पहले
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