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Nida Fazli Poetry: निदा फ़ाज़ली की नज़्म 'तू इस तरह से मिरी ज़िंदगी में शामिल है'

nida fazli nazm tu is tarah se meri zindagi mein shamil hai
                
                                                         
                            

तू इस तरह से मिरी ज़िंदगी में शामिल है
जहाँ भी जाऊँ ये लगता है तेरी महफ़िल है

हर एक रंग तिरे रूप की झलक ले ले
कोई हँसी कोई लहजा कोई महक ले ले

ये आसमान ये तारे ये रास्ते ये हवा
हर एक चीज़ है अपनी जगह ठिकाने से

कई दिनों से शिकायत नहीं ज़माने से
मिरी तलाश तिरी दिलकशी रहे बाक़ी

ख़ुदा करे कि ये दीवानगी रहे बाक़ी

4 महीने पहले

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