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मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल- कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं

मिर्ज़ा ग़ालिब
                
                                                                                 
                            कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं
                                                                                                

इक तीर मेरे सीने में मारा के हाये हाये
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2 months ago

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