ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो
अपना पराया मेहरबाँ ना-मेहरबाँ कोई न हो
जा कर कहीं खो जाऊँ मैं नींद आए और सो जाऊँ मैं
दुनिया मुझे ढूँढ़े मगर मेरा निशाँ कोई न हो
उल्फ़त का बदला मिल गया वो ग़म लुटा वो दिल गया
चलना है सब से दूर दूर अब कारवाँ कोई न हो
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