हर शय आनी-जानी है जीवन बहता पानी है हिज्र की रातें वस्ल के दिन इक दिलचस्प कहानी है हुस्न है फ़ानी इश्क़ मिरा अन-मिट है ला-फ़ानी है जो ना-अहल है उन हाथों में फूलों की निगरानी है रहते एक गली में हैं दोनों को हैरानी है सब चलते हैं डगर डगर एक डगर अन-जानी है अपना है फिर अपना लहू पानी आख़िर पानी है 'अंजुम' तेरी ग़ज़लों में सच्चे प्यार की बानी है
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