हम वो अकलमंद हैं जो हारकर भी कहें...
मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी...
इक उम्र तमाम होने आयी है मगर
ज़िन्दगी तेरे इम्तिहान हैं कि ख़त्म ही नहीं होते...!!
ज़हर भी मीठा लगे तो ताज्जुब मत कीजिए...
यह क़ातिलों का शहर है प्यार से क़त्ल होना सीखिए...
तुम याद नहीं करते , हम भुला नहीं सकते...
तुम हंस नहीं सकते, हम रुला नहीं सकते...
है दोस्ती में प्यार इतना खूबसूरत हमारा...
तुम बता नहीं सकते और हम जता नहीं सकते....
रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हों उन्हें तोड़ना मत क्योंकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो
अगर प्यास नहीं बुझा सकती
लेकिन आग तो बुझा सकती है।
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2 महीने पहले
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