'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- करुणानिधि, जिसका अर्थ है- जिसका हृदय करुणा से भरा हो, दयालु। प्रस्तुत है तोरण देवी लली की कविता- जिस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ
ख़ूब हुआ करुणानिधि हम पर, इतना अत्याचार हुआ।
जिस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ॥
मिलता जाता अन्न पेट भर खाने और खिलाने को।
मिलते वस्त्र यथारुचि अपना फैशन नित्य बनाने को॥
बहती दूध दही की धारा सुंदर स्वास्थ्य बढ़ाने को।
माता के चरणों पर मिलते पुष्प पवित्र चढ़ाने को॥
तो किस भाँति ज्ञान यह होगा कितना विकट प्रहार हुआ।
इस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ॥
मिल जाती शिक्षा स्वदेश को शिक्षित हो जाती संतान।
व्यक्ति प्रत्येक समझता होता जीवन का उद्देश्य महान॥
रहती आज एकता हम में होता लाभ हानि का ज्ञान।
देश विदेशों में भी होता भारत का समान सम्मान॥
तो संसार न कह सकता था भारत निरा गवाँर हुआ।
इस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ॥
अस्त्र शस्त्र छिन गये हाथ से छिने मनुष्योचित अधिकार।
थकी लेखनी बाद हुआ मुँह आश्चर्य यह कैसा व्यवहार॥
तब कह उठा प्रत्येक हृदय हा! कितना अत्याचार हुआ।
इस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ॥
कर्मवीर गांधी से होंगे भारत के पथ-दर्शक आज।
कौन जानता है चरखा ही रख लेगा दृढ़व्रत की लाज॥
आई स्वयं आत्म-निर्भरता देश-भक्ति का हुआ विकाश।
ज्ञान हुआ अपने गौरव का जगी पुनर्जीवन की आश॥
ख़ूब हुआ उन्माद झेल कर ह्रास नहीं उद्धार हुआ।
इस जीवन के श्रेष्ठ लक्ष्य का कुछ तो हमें विचार हुआ॥
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8 months ago
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