हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है दाँव जिसका अर्थ है 1. कपटपूर्ण चाल; तरकीब 2. घात; पैंतरा 3. किसी खेल में अपना प्रदर्शन करने का अवसर। कवि बद्रीनारायण ने इस शब्द का प्रयोग अपनी कविता में किया है।
प्रेत आएगा
किताब से निकाल ले जायेगा प्रेमपत्र
गिद्ध उसे पहाड़ पर नोच-नोच खायेगा
चोर आयेगा तो प्रेमपत्र ही चुरायेगा
जुआरी प्रेमपत्र ही दाँव लगाएगा
ऋषि आयेंगे तो दान में माँगेंगे प्रेमपत्र
बारिश आयेगी तो प्रेमपत्र ही गलाएगी
आग आयेगी तो जलाएगी प्रेमपत्र
बंदिशें प्रेमपत्र पर ही लगाई जाएँगी
साँप आएगा तो डसेगा प्रेमपत्र
झींगुर आयेंगे तो चाटेंगे प्रेमपत्र
कीड़े प्रेमपत्र ही काटेंगे
प्रलय के दिनों में सप्तर्षि मछली और मनु
सब वेद बचायेंगे
कोई नहीं बचायेगा प्रेमपत्र
कोई रोम बचायेगा कोई मदीना
कोई चाँदी बचायेगा कोई सोना
मै निपट अकेला कैसे बचाऊँगा तुम्हारा प्रेमपत्र
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