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आज का शब्द: बखान और यतींद्र मिश्र की कविता- यह राग हमें बताता है कि हम अभी भी विश्वास कर सकते हैं

आज का शब्द
                
                                                                                 
                            

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- बखान, जिसका अर्थ है- वर्णन करना, प्रशंसा करना, तारीफ़। प्रस्तुत है यतींद्र मिश्र की कविता-  यह राग हमें बताता है कि हम अभी भी विश्वास कर सकते हैं



यह राग हमें बताता है
कि हम अभी भी विश्वास कर सकते हैं
रिश्तों के डोर से बँधी इस दुनिया पर
नाउम्मीदी को बुहार कर फेंक सकते हैं घर के बाहर
सूर्य के काम पर जाने से पहले तारे
जिस तरह आसमान बुहार कर साफ़ करते हैं
और आकाशगंगाएँ सजाती हैं नक्षत्रों का तोरण

इस राग के समय में हमारे
दुःखों के ढेरों प्रहर बीतते हैं
सुनहरी और लाल रंग में रँगी हुई
सूर्यादय की उज्ज्वल इबारत की तरह
दुःख हर नई लय के साथ
थोड़ा गाढ़ा होता जाता है
थोड़ा ज़्यादा सुनहरा
श्रीमंतों, गुणीजनों और रसिकों के दायरे से अलग
अपनी छोटी कामना का सपना पाले हुई
एक हतप्रभ चिड़िया भी इसके सुरों को पहचानती है
और फूलों से रंग लेकर इसमें भरती है

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3 days ago

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