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आज का शब्द: अनुपस्थित और लवली गोस्वामी की कविता- हँसती आँखों के सूनेपन में, क़ैद हो गए वे यतीम दृश्य

कविता
                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है अनुपस्थित, जिसका अर्थ है- जो सामने उपस्थित या मौजूद न हो। प्रस्तुत है लवली गोस्वामी की कविता- हँसती आँखों के सूनेपन में, क़ैद हो गए वे यतीम दृश्य
                                                                                                


वांछित का अभाव सारांश होता है स्मृतियों की किताब का
तमाम स्मृतियाँ “विदा” के एक अकेले शब्द की वसीयत होती हैं

हँसती आँखों के सूनेपन में
क़ैद हो गए वे यतीम दृश्य
जो घट न सके मेरे तुम्हारे बीच

कविता की शक्ल ले ली
उन बातों ने जो कही न जा सकीं

जिन हतभागी चित्रों में ढूँढा तुम्हें
वे समय के फ्रेम में न आ सके

जो आईने तुम्हारी शक़्ल गढ़ते थे
उनकी आँखें किसी अनंत देहधारी रात ने
अपनी हथेलियों से ढँक दी

फैसले कितने भी सही हों,
दुःख नहीं सुनता किसी की
मरे प्रेम की कब्र पर बैठ लगातार रोता है
घाव चाटते चोटिल सियार की तरह आगे पढ़ें

1 week ago

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