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आज का शब्द: आडम्बर और रामधारी सिंह "दिनकर" की कविता- भावुक मन था, रोक न पाया

आज का शब्द
                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- आडम्बर, जिसका अर्थ है- ऊपरी बनावट, तड़क-भड़क, तम्बू, बड़ा ढोल जो युद्ध में बजाया जाता है। प्रस्तुत है रामधारी सिंह दिनकर की कविता- भावुक मन था, रोक न पाया
                                                                                                


रच फूलों के गीत मनोहर.
चित्रित कर लहरों के कम्पन,
कविते ! तेरी विभव-पुरी में
स्वर्गिक स्वप्न बना कवि-जीवन।

छाया सत्य चित्र बन उतरी,
मिला शून्य को रूप सनातन,
कवि-मानस का स्वप्न भूमि पर
बन आया सुरतरु-मधु-कानन।

भावुक मन था, रोक न पाया,
सज आये पलकों में सावन,
नालन्दा-वैशाली के
ढूहों पर, बरसे पुतली के घन।

दिल्ली को गौरव-समाधि पर
आँखों ने आँसू बरसाये,
सिकता में सोये अतीत के
ज्योति-वीर स्मृति में उग आये। आगे पढ़ें

3 months ago

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