सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उनका जन्म उत्तराखंड के तत्कालीन अल्मोड़ा जिले के कौसानी नाम के गांव में हुआ था। जन्म देने के चंद घंटे के भीतर ही उनकी मां का देहांत हो गया। इसके बाद उनका लालन-पालन भी मानो प्रकृति की गोद में ही हुआ। चूंकि वह एक संपन्न परिवार में पैदा हुए थे इसलिए उन्हें आर्थिक कष्टों का सामना नहीं करना पड़ा।
वह परिवार में सबसे छोटे थे इसलिए सबके लाड़ले थे। उनके पहनाव को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है। उनकी पोशाकें भी अलग-अलग तरह की होती हैं, कोट भी बेहद ख़ास होते थे। इस बारे में पूछने पर वह बताते हैं कि बचपन से ही वह हिप्पी पैदा हुए थे। उन्हें मखमल के कपड़े पसंद थे इसलिए वह उसे बहुत पहनते थे। तरह-तरह की टोपियां लगाते थे और टाई भी बांधा करते थे। लेकिन उनके संपूर्ण व्यक्तित्व में सर्वाधिक विशेष उनके बालों का तरीका रहा। वह अपने घुंघराले बालों को सदैव बड़ाकर रखते थे। आगे पढ़ेंबालों के पीछे की प्रेरणा
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