आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

शायरी और शराब की तरह जां निसार अख़्तर का इश्क़ भी रहा चर्चित 

शायरी और शराब की तरह जां निसार अख़्तर का इश्क़ भी रहा चर्चित
                
                                                         
                            प्रसिद्ध शायर निदा फ़ाज़ली ने अपने जीवन के संस्मरणों को बहुत ही बेहतर ढंग से लिखा है। आजादी के बाद का देश कैसा था, इसका वर्णन निदा फ़ाज़ली ने अपनी किताब 'दीवारों के बीच' में किया है।
                                                                 
                            

किताब में निदा लिखते हैं "विभाजन के बाद देश के कई हिस्सों में अशांति थी लेकिन ग्वालियर में सुकून था। यह बात निदा फ़ाज़ली कहा करते। वो उन दिनों के हालात के बारे में जिक्र करते हुए लिखते हैं। ग्वालियर में समय बीतता जाता है। परिपक्व लोगों के काले बालों में चांदी के तार चमकने लगते हैं। आईना आंखों के इर्द-गिर्द काले घेरे उभार देता है। बहन की हैसियत आहिस्ता-आहिस्ता अपने ही घर में मेहमान की सी हो जाती है। ज़्यादातर वक़्त नमाज़ों में गुज़र जाता है। पढ़ी हुई नमाज़ अक्सर भूलने पर दोबारा पढ़ी जाती है। आगे पढ़ें

2 वर्ष पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now